लालू प्रसाद यादव का भाषण लोग बड़ी रुचि से सुनते रहे हैं। राजनीति की गंभीर बातों के साथ वह हंसी का तड़का भी लगाते रहते थे। एक बार वह इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में पहुंचे तो उन्होंने साधु-संतों का किस्सा छेड़ दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली बहुत ख़तरनाक जगह है। इससे बचकर निकल गए तो आपका जीवन सफल हो गया। यहां एक से एक साधु संत आते हैं। वे अगर जानते हैं कि किसकी पीएम बनने की उम्मीद है तो पांच को सिलेक्ट करता है और पांचों के घर चला जाता है।

लालू यादव ने कहा, वो साधु पांचों के घर जाता है और कहता है कि हम तुमको पीएम बनाएंगे। उन पांच में से एक तो पीएम बन ही जाता है औऱ फिर उसके पीछे पड़ जाता है। ऐसा ही एक बाल्टी बाबा था। देवीलाल जी उसको टिकट देने को कहने लगे। मैंने कहा ये तो मेरे गांव के बगल के हैं।

इसके बाद लालू यादव भूतनाथ बाबा का किस्सा सुनाया और कहा कि वह काले कपड़े पहनते थे। व्यापारी लोग उनके अनुयायी थे। वो हमारे गांव के बगल के हैं। अब वो नहीं हैं।

कुत्तों के साथ कर दी राजनेताओं की तुलना
लालू प्रसाद यादव ने जब कुत्तों की कहानी शुरू की तो पहले ही मंच पर बैठे प्रभु चावला से कह दिया। समझ लीजिएगा, उल्टा-पुल्टा न छाप दीजिएगा। इसके बाद उन्होंने कहा, तीर्थयात्रियों के साथ काशी में उनके गांव के कुत्ते भी आ जाते थे। फिर कुत्तों की कॉन्फ्रेंस होती थी। कौन किसको काटता और भौंकता है। उससे निकलकर जो चला गया फिर उसको गांव में कोई हाथ लगाने वाला नहीं है।

आगे उन्होंने कहा, इसी तरह यह दिल्ली है। यहां अच्छे लोग भी हैं लेकिन राजधानी में विचित्र-विचित्र लोग वास करते हैं। टेलीफोन से ही सारा काम कर लेते हैं। मीटिंग, सिटिंग ईटिंग सब फोन पर हो जाती है। भाषण खत्म करते हुए उन्होंने वहां मौजूद लोगों को यह भी सलाह दी कि हमेशा आम आदमी की बात सुनिए क्योंकि आपके बुरे दिनों में केवल वही आंसू बहा सकता है।