राष्ट्रपति चुनाव में एक बड़ी संख्या में विपक्षी विधायकों और सांसदों ने भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के लिए क्रॉस वोटिंग की। द्रौपदी मुर्मू इस जीत के साथ ही देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति बनीं। लगभग 125 विधायक और 17 सांसदों ने मुर्मू के लिए अपनी पार्टियों के खिलाफ जाकर क्रॉस वोटिंग की। यूपी में सपा विधायकों ने पार्टी से हटकर क्रॉस वोटिंग की। द्रौपदी मुर्मू बनाम विपक्ष के यशवंत सिन्हा के बीच द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति पद का विजेता चुने जाने के तुरंत बाद भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और हिमंत बिस्व सरमा ने उन विपक्षी विधायकों को ‘धन्यवाद’ संदेश दिया, जिन्होंने अपनी समझ के मुताबिक इस राष्ट्रपति चुनाव में वोट किया था।
आपको यह जानकर हैरत होगी कि द्रौपदी मुर्मू को केरल से भी एक अप्रत्याशित वोट मिला था जहां 140 सीटों में से एक भी बीजेपी के पास नहीं है।
वहीं केरल में सत्तारूढ़ वामपंथी नेतृत्व वाले गठबंधन और विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ दोनों ने यशवंत सिन्हा के लिए अपने समर्थन की घोषणा की थी। बीजेपी ने केरल से एक वोट से खुश होकर इसे राज्य के बाकी 139 वोटों की तुलना में अधिक मूल्यवान बताया। द्रौपदी मुर्मू ने चुनाव में 64 फीसदी वोट हासिल किए, जबकि यशवंत सिन्हा को करीब 36 फीसदी वोट मिले। असम में विपक्ष के 25 विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया।
सपा में सेंधमारी को लेकर बोले शिवपाल यादव
जब शिवपाल यादव से ये पूछा गया कि द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति चुनाव में जीती हैं क्या आप उन्हें बधाई देंगे? तो इस पर शिवपाल यादव ने जवाब देते हुए कहा,’देखिए आदिवासी समाज की महिला राष्ट्रपति बनी है उसके लिए उन्हें बधाई और हमने भी उनका समर्थन किया और उन्हें वोट भी दिया।’ जब उनसे ये पूछा गया कि पांच वोट अधिक मिले हैं तो कहा जा रहा है कि ये आप ही की रणनीति थी सपा के वोटबैंक में सेंधमारी आपने ही करवाई है तो इस पर शिवपाल यादव ने कहा, ‘आप लोग पता करिए इस पर हम कुछ नहीं कह सकते हैं।’
बंगाल में 2 विधायकों ने की क्रॉस वोटिंग
बंगाल में बीजेपी के 69 विधायक हैं लेकिन द्रौपदी मुर्मू को 71 वोट मिले। यशवंत सिन्हा अपने गृह राज्य झारखंड में भी सभी विपक्षी वोट नहीं जीत पाए, जहां 81 में से केवल नौ विधायकों ने उनका समर्थन किया। महाराष्ट्र में, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने विश्वास मत के दौरान 164 वोट जीते थे, यानी एनडीए के वोटों की संख्या लेकिन 181 विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया।
3 राज्यों से यशवंत सिन्हा का खाता भी नहीं खुला
ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के कुछ विधायकों ने मेघालय में क्रॉस वोटिंग की जबकि मणिपुर में कांग्रेस के विधायकों ने एनडीए उम्मीदवार का समर्थन किया। बिहार और छत्तीसगढ़ के छह विपक्षी विधायकों, गोवा के चार और गुजरात के 10 विधायकों ने भी द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया। आंध्र प्रदेश, सिक्किम और नागालैंड में यशवंत सिन्हा को एक भी वोट नहीं मिला।
मुर्मू को मिले 64 फीसदी और यशवंत को मिले 36 फीसदी वोट
पहले से लेकर चौथे चरण तक वोटों की गिनती में लगातार यशवंत पर मुर्मू ने बढ़त बनाए रखी थी। चौथे और आखिरी राउंड की गिनती के बाद द्रौपदी मुर्मू की जीत का अंतर और बढ़ गया। राष्ट्रपति चुनाव के वोटों की गिनती कुल चार राउंड में हुई थी जिसमें कुल मिलाकर 4754 वोट पड़े थे। गिनती के वक्त 4701 वोट वैध और 53 वोट अमान्य पाये गए थे। कुल वोटों की वैल्यू 528491 थी। इसमें से द्रौपदी मुर्मू को कुल 2824 वोट मिले थे। द्रौपदी मुर्मू को मिले वोटों की कुल वैल्यू 676803 थी। वहीं यशवंत सिन्हा को 1877 वोट मिले जिनकी कुल वैल्यू 380177 रही।