मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की राज्य में किंग कोबरा लाने की प्रिय परियोजना को उस समय झटका लगा, जब कुछ महीने पहले कर्नाटक से लाया गया पांच वर्षीय एक नर कोबरा बुधवार को भोपाल स्थित वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में मर गया। वन विहार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “बुधवार सुबह नर किंग कोबरा को बिना किसी हरकत के पाया गया। उसके शरीर पर कोई बाहरी चोट नहीं दिखी। उसकी मृत्यु का कारण केवल पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही स्पष्ट हो पाएगा।”
किंग कोबरा को जीवित सांपों का आहार दिया जा रहा था और उसे भोपाल की भीषण गर्मी से बचाने के लिए तापमान नियंत्रण प्रणाली से संपन्न एक बाड़े में रखा गया था। अधिकारी ने आगे बताया, “हमने उसके बाड़े में तापमान नियंत्रित करने के लिए कई उपकरणों के साथ एक ह्यूमिडिफायर भी लगाया था। इसके बावजूद, भोपाल में अत्यधिक गर्मी का दौर बीत जाने के बाद भी उसकी मौत हो गई।”
सीएम ने कहा था- हमें किंग कोबरा चाहिए
किंग कोबरा को मध्य प्रदेश लाना मुख्यमंत्री यादव की लंबे समय से चली आ रही इच्छाओं में शामिल था। जनवरी में भोपाल में आयोजित दो दिवसीय भारतीय वन सेवा बैठक और वानिकी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, “मैंने कहा था कि हमें किंग कोबरा चाहिए, जो हमारे राज्य से लुप्त हो गया है।”
उन्होंने आगे बताया, “जब बाघ जंगल में घूमते हैं, तो अन्य जानवर उनकी उपस्थिति का संकेत देते हुए आवाजें निकालने लगते हैं। उसी तरह, जब किंग कोबरा जमीन पर रेंगता है, तो अन्य सांप अपने बिलों से भाग जाते हैं और वह उनका शिकार करता है… किंग कोबरा के लुप्त हो जाने के बाद, डिंडोरी जैसे जिलों में, जहां मैं प्रभारी मंत्री था, हर साल 200 से अधिक लोगों की सांपों के काटने से मौतें हुई हैं।”
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अप्रैल में कर्नाटक के पिलिकुला जैविक उद्यान से दो किंग कोबरा एक पशु विनिमय कार्यक्रम के तहत लाए गए थे, जिसमें दो बाघों को जहरीले सांपों के बदले भेजा गया। फिलहाल, मध्य प्रदेश में केवल इंदौर स्थित चिड़ियाघर में एक किंग कोबरा जीवित है।
इन सांपों को लाने के बाद वन्यजीव अधिकारियों ने वन विहार में एक्स-सीटू संरक्षण और प्रजनन कार्यक्रम शुरू करने की योजना बनाई थी। मई में एक नर किंग कोबरा को प्रजनन कार्यक्रम के अंतर्गत इंदौर चिड़ियाघर भेजा गया, जिसमें मुख्यमंत्री स्वयं शामिल हुए थे। उसी महीने मुख्यमंत्री यादव ने राज्य में सांपों की गणना का आदेश भी दिया था। उन्होंने कहा था कि संरक्षण प्रयासों की कमी के कारण ही किंग कोबरा मध्य प्रदेश से लुप्त हो गए हैं।