उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली BJP सरकार के शासन में खाकी फिर शर्मसार हुई है। प्रतापगढ़ में पुलिस पर एक महिला को घर में घुसकर लात-घूंसों से बुरी तरह पीटने का आरोप लगा है। कहा जा रहा है कि मारपीट में दारोगा भी शामिल था। घटना से जुड़े वायरल वीडियो में तीन से चार पुलिस कर्मचारी महिला को पकड़ कर हड़काते और पीटते नजर आ रहे थे। हैरत की बात है कि वाकये के दौरान घर में छोटे बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी, पर फिर भी पुलिस वाला महिला पर डंडे से वार करता रहा। उसे महिला की चीख और मासूम के आंसुओं पर जरा भी तरस न आया।

टि्वटर पर पत्रकार सूरज शुक्ला ने घटना से जुड़ी क्लिप शेयर की है, जिसमें उन्होंने बताया कि यह मामला राजीगंज कोतवाली के भागीपुर गांव का है। इस शर्मनाक करतूत में दारोगा वीरेंद्र त्रिपाठी के साथ दो महिला सिपाही भी शामिल थीं। इन्होंने ही महिला के घर में घुसकर उसे मारा-पीटा। बच्चे रोते रहे, मगर वे न माने और पीटते रहे।

हालांकि, ‘The Quint’ की रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से कहा गया कि महिला ने महिला पुलिस कॉन्सटेबल से मारपीट की थी। जिस महिला की पिटाई की गई, वह फातिमा बानो हैं और वह भागीपुर गांव निवासी हैं। परिजन इस मसले को लेकर करीब 18 किमी दूर जिला पुलिस मुख्यालय भी गए, पर उनकी सुनवाई न हुई।

जमील अहमद ने अंग्रेजी न्यूज साइट से कहा- रविवार सुबह उप निरीक्षक वीरेंद्र त्रिपाठी जमीन के कागज मांगने आए थे। बहन ने दिए, तो उन्होंने फाड़ दिए और कहा कि घर हम बनवाएंगे। कुछ देर बाद वह तीन महिला कॉन्सटेबल साथ ले आए और बहन की पिटाई कराई। फिर पुलिस स्टेशन ले गए। वहां भी उससे मारपीट हुई। मेरे काम पर जाने के बाद उप निरीक्षक घर जाकर महिलाओं को डराते धमकाते थे। मैंने एसओ से शिकायत की, पर कोई मदद न मिली।

पीड़िता के भाई के मुताबिक, “जमीन विवाद को लेकर हमारा 10 साल से केस चल रहा है। ये लोग जिले में जमीन यूं ही हड़प लेते हैं। भूमाफिया शकीलुद्दीन की प्रशासन पर अच्छी पकड़ है, इसलिए पूर्व में मुझे जेल की हवा भी खानी पड़ी थी। तब भी इन लोगों ने जमीन का कुछ हिस्सा कब्जा लिया था और तभी से केस चल रहा है।”