सबरीमाला में प्रसिद्ध भगवान अयप्पा धाम के कपाट मंडला पूजा के बाद बंद हो गए है। 41 दिन तक चलने वाले मंडलम उत्सव के समाप्त होने के बाद यहां के कपाट बंद हुए। यह उत्सव 15 नवंबर को शुरू हुआ था। मंदिर के कपाट 20 जनवरी को इस सत्र के लिए अंतिम रूप से बंद होने से पहले माकारविलाक्कु उत्सव के लिए दोबारा 30 दिसंबर को खोले जाएंगे। बता दें कि मंडला पूजा उत्सव केरल का प्रसिद्ध धार्मिक त्यौहार है। इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं।
केरल का सबरीमाला मंदिर पथानामथिट्टा जिले में पूर्व की ओर सबरी हिल्स में स्थित है। यह मंदिर वर्ष भर नहीं खुला रहता है। मंडला पूजा समारोह नवंबर-दिसंबर के पहले दिन से 41 दिनों की अवधि के लिए जारी रहता है दिसंबर-जनवरी के ग्यारहवें दिन समाप्त हो जाता है। इस अवधि के दौरान भक्त सबरीमाला में भगवान अयप्पा के प्रसिद्ध मंदिर की तीर्थ यात्रा करते हैं। यह मंदिर मलयालम पंचाग के अनुसार प्रति माह के पहले पांच दिनों तक ही खुला रहता हैं। इसके अलावा यह केवल मंडला पूजा के लिए खुलता हैं और खास पूजा और फेस्टिवल पर भी सबरीमाला मंदिर खुला रहता हैं।
सबरीमाला मंदिर पर पिछले कई दिनों से विवाद चल रहा है। हाल ही में एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के ट्रस्ट त्रावणकोर देवासम बोर्ड से महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति न देने पर जवाब मांगा था। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा कि सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश दिया जाये। जिसके बाद विवाद अपने चरम पर पहुँच गया था। सबरीमाला मुद्दे पर जमकर राजनीति भी हुई। इस विवाद में बीजेपी, कांग्रेस, एलडीएफ और यूडीएफ सभी ने बयान दिए।
विवाद की शुरुआत 2006 में मंदिर के मुख्य ज्योतिषि परप्पनगडी उन्नीकृष्णन ने उस बयान से हुई जिसमें उन्होंने कहा था कि मंदिर में स्थापित अयप्पा अपनी ताकत खो रहे हैं और वह इसलिए नाराज हैं क्योंकि मंदिर में किसी युवा महिला ने प्रवेश किया है। इसके बाद कन्नड़ ऐक्टर प्रभाकर की पत्नी जयमाला ने दावा किया था कि उन्होंने अयप्पा की मूर्ति को छुआ और उनकी वजह से अयप्पा नाराज हुए। इसके बाद कई और विवाद होते रहे।