केरल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) कार्यकर्ता श्रीनिवासन की कथित हत्या के मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने दावा किया है कि उनको धमकी भरे फोन मिल रहे हैं। अधिकारी ने पलक्कड़-टाउन साउथ थाने में दर्ज कराई शिकायत में कहा, “फोन करने वाले ने उनसे बोला कि पूछताछ ने उनके लिए परेशानी पैदा कर दी है और पलक्कड़ छोड़ने से पहले उन्हें नतीजे भुगतने होंगे।”
पुलिस के मुताबिक, “अफसर को धमकी में यह भी कहा कि अपना ताबूत तैयार रखना।” आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या के मामले में अब तक 34 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ये सभी लोग पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े हुए हैं। हाल ही में केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर 5 साल का प्रतिबंध लगा दिया था।
आरएसएस नेता श्रीनिवासन की 16 अप्रैल 2022 को हत्या कर दी गई थी। पुलिस के अनुसार शहर के मेलमुरी में एक गिरोह ने दोपहर में 1 बजे के करीब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व प्रचारक श्रीनिवासन (45) की दुकान पर धावा बोल दिया था और उन पर धारदार हथियार से कई बार हमला किया। पुलिस ने कहा कि वारदात के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका।
PFI नेता के मर्डर का बदला लेने के लिए हुए थी यह वारदात
पलक्कड़ में हुई इस वारदात में भाजपा के जिला नेतृत्व ने हत्या के पीछे पीएफआई और उसकी राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया का हाथ बताया था। इस वारदात के ठीक एक दिन पहले 15 अप्रैल 2022 की दोपहर, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के एलापुल्ली क्षेत्र के प्रमुख ए. सुबैर (44) की स्थानीय मस्जिद के पास हत्या कर दी गई थी। जहां वह और उनके पिता अबूबकर जुमे की नमाज अदा करने गए थे। पुलिस ने दोनों मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया था और एडीजीपी कानून व्यवस्था टीमों का नेतृत्व कर रही हैं।
फिलहाल पीएफआई पर प्रतिबंध है। सरकार ने पीएफआई के साथ-साथ रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल विमेन फ्रंट (NWF), जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल को “गैरकानूनी एसोसिएशन” के रूप में प्रतिबंधित किया है।
