केरल विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा, कांग्रेस और वाम दलों के बीच कड़ी टक्कर चल रही है। वहां पर मतदाताओं को अपने पक्ष में वोट देने के लिए मनाने की खातिर सभी दलों के नेता जीजान से जुटे हैं। इसमें वे कितना सफल होते हैं यह तो 2 मई को ही पता चल सकेगा। इस बीच राज्य में अपना पांव जमाने के लिए तेजी से प्रयास कर रही भाजपा के एकमात्र विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता ओ राजगोपालन ने कहा है कि हम धीरे-धीरे लेकिन लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि केरल में 90 फीसदी साक्षरता है। इसलिए यहां भाजपा तरक्की नहीं कर पा रही है
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि केरल एक अलग तरह का राज्य है। यहां पर दो-तीन विशिष्ट चीजें है जो राज्य की राजनीति पर असर डालती हैं। उन्होंने कहा कि यहां के लोग हर चीज पर बहुत सोच-विचार कर कदम उठाते हैं। वे हर मुद्दे को तर्क की कसौटी पर कसने के बाद ही निर्णय लेते हैं। यह यहां के शिक्षित लोगों की आदत है। दूसरी खासियत यह है कि राज्य में 55 फीसदी हिंदू और 45 फीसदी अल्पसंख्यक हैं। इसलिए केरल की तुलना किसी अन्य राज्य से नहीं की जा सकती है।
ओ राजगोपाल ने बताया कि यहां की स्थिति अलग है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार के चुनाव में भाजपा दहाई के अंकों तक जीत हासिल करेगी। कहा यह कठिन नहीं है। ऐसा होगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीचे जा रही है और कोई भी इसे पुनर्जीवित करने में सक्षम नहीं है। इसके दिन खत्म हो गए हैं। वाम दल थोड़ी बढ़त ले सकते हैं। लेकिन कोई भी कांग्रेस से जुड़ने से डरता है, क्योंकि कांग्रेस एक डूबता हुआ जहाज है।
उन्होंने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन के दो सीटों से चुनाव लड़ने पर कहा कि वह मंजेश्वर में पिछली बार 89 मतों से हार गए थे। ऐसे में स्वाभाविक रूप से उनके पास इस बार जीतने का बेहतर मौका है। कोनी के साथ सबरीमाला विरोध के कारण उनका वहां से भावनात्मक रिश्ता है।