केरल में विझिंजम बंदरगाह के निर्माण (Vizhinjam port in Kerala) का विरोध कर रहे मछुआरों ने पिछले हफ्ते एक पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया था। उसके बाद एक कैथोलिक पादरी, जो आंदोलन का बड़ा चेहरा हैं, उन्होंने एक मुस्लिम मंत्री के खिलाफ टिप्पणी कर दी। इसके कारण सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) को विरोध प्रदर्शनों को सांप्रदायिक रंग देने का एक अवसर मिल गया है।
प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस स्टेशन को आग के हवाले कर दिया
बता दें कि क्षेत्र के मछुआरे पिछले चार महीनों से अडानी समूह बंदरगाह परियोजना (Adani Group port project) का विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि इसके निर्माण से बड़े पैमाने पर समुद्री कटाव हो रहा है और इससे उनकी आजीविका छिन सकती है। शुरूआती विरोध प्रदर्शनों के बाद परियोजना को तीन महीने से अधिक के लिए निलंबित कर दिया गया था लेकिन केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) के एक आदेश के बाद पिछले सप्ताह निर्माण फिर से शुरू कर दिया गया, जिससे प्रदर्शन फिर शुरू हो गए। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस स्टेशन को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने इस सिलसिले में 3,000 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
मंत्री ने विरोध प्रदर्शन को देशद्रोह कहा
सोमवार को मत्स्य मंत्री वी अब्दुर्रहीमन ने विरोध प्रदर्शन को “देशद्रोह” कहा। इस टिप्पणी के जवाब में एक भाषण में तिरुवनंतपुरम के Latin Catholic Archdiocese की Anti-seaport project committee के संयोजक फादर थियोडेसियस डी क्रूज़ ने कहा कि मंत्री के नाम पर एक आतंकवादी हैं। हालांकि डिक्रूज ने बाद में टिप्पणियों के लिए माफी मांगी और जुबान फिसलना बताया। लेकिन मंत्री अब्दुर्रहीमन ने माफी को खारिज करते हुए कहा कि बड़े पैमाने पर समाज इस तरह की टिप्पणी को स्वीकार नहीं करेगा।
सत्तारूढ़ CPIM उम्मीद कर रही है कि फादर की विवादास्पद टिप्पणी के साथ-साथ हिंसा आंदोलन को प्रभावित करेगी। पार्टी ने यह सुनिश्चित किया है कि तब से दोनों मुद्दे जीवित रहें। सीपीआई (एम) के राज्य सचिव और पोलित ब्यूरो के सदस्य एम वी गोविंदन ने फादर डिक्रूज पर सांप्रदायिकता की विकृत मानसिकता रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “अगर फादर को किसी मंत्री के मुस्लिम नाम की वजह से आतंकवादी लगता है, तो उसकी बेहद सांप्रदायिक मानसिकता है। विझिंजम में रविवार को जो हुआ वह दंगा था।”
BJP केरल में ईसाई वोटों को लुभाने की कोशिश कर रही
जबकि भाजपा (BJP) केरल में ईसाई वोटों को लुभाने की कोशिश कर रही है, बड़े पैमाने पर मुस्लिम कट्टरवाद के बारे में उनके डर के आधार पर बंदरगाह परियोजना पर भाजपा और सीपीआई (एम) दोनों का एक ही पक्ष है। दोनों दलों के नेताओं ने हाल ही में परियोजना को पूरा करने की मांग करते हुए एक मंच भी साझा किया।