प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की है। संभावना जताई जा रही है कि गरीबों को अब बेहतर स्वास्थ के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। लेकिन दिल्ली सरकार उन गैर-भाजपा शासित राज्यों की सरकार में शामिल है, जो केंद्र सरकार के आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आयोग्य योजना (पीएमजेएवाई) का हिस्सा बनने को तैयार नहीं है। हालांकि, इसके बावजूद दिल्लीवासियों को इस योजना का लाभ मिलेगा। दिल्ली स्थित वैसे अस्पताल जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा राशि उपलब्ध करवाई जाती है, में इस योजना के तहत लाभ मिलेगा। उन्हें हर वो सुविधाएं मिलेंगी, जो उन राज्यों में मिल रही है, जहां इसे लागू किया गया है।

रविवार को पीएमजेएवाई के डिप्टी सीईओ डॉ. दिनेश अरोरा ने ट्वीट किया, “दिल्ली स्थित सभी राष्ट्रीय अस्पताल में सभी राज्य के उन लाभार्थियों को स्वास्थ्य लाभ मिलेगा, जो आयुष्मान भारत योजना के तहत शामिल हो गए हैं। दिल्ली में रहने वाले मुरादाबाद के मजूदर जिनकी आय 8000 रुपये प्रतिमाह से कम है, को सफदरजंग अस्पताल में स्पाईनल कॉड की सर्जरी और इंप्लांट के लिए लिस्टेड किया गया है।” इसके साथ ही उन्होंने एक और ट्वीट कर कहा, आयुष्मान भारत योजना के लॉन्च हुए दो सप्ताह हुए हैं। मात्र दो सप्ताह के भीतर बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। करीब 50 हजार गरीब मरीज संबंधित अस्पताल में भर्ती हुए और उनका इलाज हुआ है। 92 हजार लोगों को गोल्ड कार्ड दिया जा चुका है।”

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड की राजधानी रांची में विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ किया था। इस योजन के तहत प्रत्येक परिवार को सलाना पांच लाख रुपये तक की स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराई जा रही है। करीब 10 करोड़ से अधिक परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा। देश की 85 प्रतिशत हिस्से को लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत गरीबों को बेहतर सुविधाएं देने वाले अस्पतालों को सरकार की तरफ से सम्मानित किया जाएगा। इस स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने के लिए कई तरह ही शर्तें हैं। विशेष रूप से यह गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों के लिए है। पहली बार इस योजना का लाभ लेने के लिए आधार जरूरी नहीं है। लाभार्थी मतदाता पहचान पत्र या कोई अन्य पहचान पत्र दिखा सकते हैं, लेकिन दूसरी बार इलाज कराने के लिए आधार जरूरी होगा।