कठुआ रेप केस में सीबीआई जांच की मांग कर एडवोकेट विजय शर्मा को उस वक्त लोगों के निशाने पर आ गए थे और इसके चलते उन्हें भाजपा के राज्य सचिव का पद भी गंवाना पड़ा था। लेकिन अब उस घटना के करीब 6 माह बाद पार्टी ने उन्हें हीरानगर म्युनिसिपल कमेटी इलेक्शन में अपना मुख्य चेहरा बनाया है। इसके साथ ही विजय शर्मा वार्ड नंबर 11 से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव भी लड़ रहे हैं। इसका मतलब ये है कि यदि भाजपा को हीरानगर म्युनिसिपल कमेटी इलेक्शन में बहुमत मिलता है तो विजय शर्मा इसके चेयरमैन बनाए जाएंगे। बता दें कि हीरानगर म्यूनिसिपल कमेटी कठुआ जिले की आधा दर्जन स्थानीय कमेटियों में से एक है। जम्मू कश्मीर में आगामी 10 जून को स्थानीय निकाय के चुनाव होने हैं।
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान विजय शर्मा ने बताया कि वह शुरुआत में चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं थे, क्योंकि वह पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हैं, इसलिए उन्हें पार्टी के निर्देशों का सम्मान करते हुए चुनाव लड़ना पड़ा। शर्मा ने बताया कि पार्टी ने उन्हें सिर्फ पद से हटाया था, लेकिन वह पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता बने रहे। विजय शर्मा ने बताया कि पार्टी ने उन्हें आगामी विधानसभा चुनावों में हीरानगर विधानसभा सीट से टिकट देने का वादा किया है उसके बाद ही वह स्थानीय निकाय का चुनाव लड़ने को तैयार हुए हैं। इस साल की शुरुआत में विजय शर्मा ने आरोपियों और उनके परिजनों की मांग का समर्थन करते हुए कठुआ रेप केस में सीबीआई जांच की मांग की थी। हालांकि आलोचना होने के बाद उन्हें भाजपा के राज्य सचिव के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कठुआ रेप केस में आरोपी की सीबीआई जांच कराने व ट्रायल पर रोक लगाने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि मैटैरियल देखने के बाद हमें लगता है कि मामले की फिर से जांच की जरुरत नहीं है। रेप केस में आरोपी प्रवेश की तरफ से यह याचिका दाखिल करायी गई थी। याचिका में कहा गया था कि कठुआ रेप केस में जम्मू कश्मीर पुलिस की जांच मोटिवेटिड है। दस दिनों के दौरान 3 एसआईटी का गठन किया जाना इस ओर इशारा करता है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी किसी भी दलील को मानने से इंकार कर दिया।