कश्मीरी पंडितों के एक संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से अपील की है कि वे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) स्थित शारदा मंदिर में हिंदू श्रद्धालुओं की यात्रा का प्रबंध करने के लिए कदम उठाएं। एक समय शिक्षा का केंद्र मानी जाने वाली शारदा पीठ नियंत्रण रेखा के पास नीलम नदी के किनारे शारदा गांव में स्थित है। ‘आॅल पार्टी माइग्रेंट कोआॅर्डिनेशन कमेटी’ (एपीएमसीसी) के अध्यक्ष विनोद पंडित ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि पीओके के मुजफ्फराबाद स्थित शारदा पीठ हिंदुओं के सबसे पूज्यनीय स्थलों में से एक है। तीर्थयात्रा के लिए नियंत्रण रेखा के उस पार यात्रा करने का मामला पाकिस्तान सरकार के समक्ष उठाया जाना चाहिए।

एपीएमसीसी के प्रवक्ता किंग भारती ने कहा कि मोदी, मुफ्ती, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य को इस मांग के बारे में बता दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा विधान पार्षद रमेश अरोड़ा और 10 विधायकों एवं विधान पार्षदों ने हाल में इस संबंध में जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी।’’ उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने चुनाव के बाद पाकिस्तान सरकार के समक्ष यह मामला उठाने का भरोसा दिलाया है।

वहीं दूसरी तरफ, जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में एक महिला के अंतिम संस्कार को लेकर हुए संघर्ष में एक पुलिस उपाधीक्षक समेत 12 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। इस दौरान उग्र भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया और एक पूजास्थल और कुछ वाहनों में आग लगा दी। नौशेरा कस्बे के सयाल गांव में रहने वाली सीमा कुमारी का विवाह रिंकू कुमार से हुआ था। रिंकू ने बाद में ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया था। कुमार पंजाब के जालंधर में श्रमिक के तौर पर काम करता था। सीमा की रविवार को मौत हो गई थी।

उसके परिवार ने आरोप लगाया है कि सीमा की हत्या की गई और उसे ईसाई धर्म स्वीकार करने पर मजबूर किया गया था। वे हिंदू रीति रिवाज के अनुसार सीमा का अंतिम संस्कार करना चाहते थे लेकिन कुमार के परिवार ने इसका विरोध करते हुए जोर दिया कि सीमा के शव को दफनाया जाना चाहिए। महिला के परिजन एवं गांव के कई लोगों ने इसका विरोध किया। कुमार के परिवार को पुलिस की सुरक्षा दी गई थी। प्रदर्शनकारियों ने गुस्से में आकर एक अस्थायी पूजास्थल, दो दुकानों, कुछ वाहनों और ढांचों में आग लगा दी।