आपको यकीन हो या न हो, लेकिन है तो ये सच। कर्नाटक के बेंगलुरु में इंदिरा कैंटीन के संचालक इन दिनों चोरों से परेशान हैं। दरअसल इंदिरा कैंटीन में पिछले साल भर में करीब 20 लाख रुपये की प्लेट और चम्मचें गायब हो चुकी हैं। ये हालात तब हैं जब कैंटीन में सीसीटीवी भी लगा है और गार्ड भी तैनात है। परेशान हाल कैंटीन के संचालकों ने अब भोजन में चम्मच देना ही बंद कर दिया है। बेंगलुरु में कैंटीन संचालकों ने बताया, पिछले साल अगस्त से लेकर अब तक लगभग 20 लाख रुपये के चम्मच और प्लेट गायब हैं। इनमें से लगभग 1 लाख 20 हजार चम्मच और 10 हजार प्लेट नदारद हैं। इतने बड़े पैमाने पर गोलमाल से परेशान संचालकों ने ग्राहकों को चम्मच देने से हाथ खड़े कर दिए हैं।

महानगर पालिका ने खींचा हाथ : कैंटीन संचालकों ने इस समस्या के समाधान के लिए कैंटीन के अधिकारियों ने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका को पत्र लिखा था। पत्र में ये लिखा गया था,’ या तो सुरक्षा दें या फिर जनता से निवेदन करें कि प्लेट और चम्मच गायब न करें।’ लेकिन बेंगलुरु महानगर पालिका ने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि कैंटीन में सुरक्षाकर्मी और सीसीटीवी पहले ही लगाए जा चुके हैं।

रोको तो भिड़ जाते हैं ग्राहक: कैंटीन संचालकों की दुविधा यह भी है कि वह ग्राहक पर शक नहीं कर सकते। इससे उन्हें बुरा लग सकता है। कैंटीन संचालकों ने अपने सुरक्षाकर्मियों को सतर्क रहने के लिए कहा था। इसके बाद एक गार्ड ने ग्राहक को चम्मच अपनी जेब में रखते पकड़ लिया। इस पर कैंटीन में मौजूद सारे ग्राहक एकजुट हो गए और उन्होंने स्टाफ से बहस शुरू कर दी। चम्मच चोरी के लिए पुलिस में मुकदमा भी नहीं लिखवाया जा सकता है।

‘इंदिरा कैंटीन’ के उदघाटन के मौके पर कैंटीन में खाना खाते राहुल गांधी और कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया। (फाइल फोटो)

हैरान हैं कैंटीन संचालक : कैंटीन का संचालन करने वाली संस्था शेफटॉक के प्रबंध निदेशक गोविंद बाबू ने मीडिया से बात करते हुए अपना पक्ष रखा। गोविंद बाबू का कहना है,’कैंटीन से 80 हजार से ज्यादा चम्मच गायब हैं। जिस दिन कैंटीन खुली तो हमें 400 चम्मच दिए गए थे। लेकिन 15 दिनों में ही सिर्फ 200 चम्मच रह गए। हमने हर कैंटीन के लिए 300 चम्मच अपनी जेब से खरीदे थे, लेकिन अब और नहीं। एक चम्मच की कीमत 15 रुपये है और हम 12 रुपये का घाटा उठा चुके हैं।’ वहीं एक अन्य कैंटीन संचालक फर्म रेवॉर्डस के अधिकारी ने बताया, ‘हमारी कंपनी बेंगलुरु के अलावा यूपी, गुजरात और मध्य प्रदेश में भी कैंटीन चलाती है, लेकिन ऐसी समस्या से कभी भी हमें परेशान नहीं होना पड़ा है।

क्या है इंदिरा कैंटीन: बता दें कि कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में आम मध्यम वर्ग की समस्याओं को ध्यान में रखकर इंदिरा कैन्टीन खोली गईं थीं। ये कैंटीन मध्यम वर्ग के लोगों को सस्ता और बढ़िया भोजन मुहैया करवाती हैं। इंदिरा कैंटीन का संचालन बृह्त बेंगलुरु महानगर पालिका करती है। पहली कैंटीन 15 अगस्त 2017 को जयनगर में खोली गई थी, जिसका उद्घाटन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किया था। हर कैंटीन दिन में लगभग 500 लोगों को सस्ता और बढ़िया भोजन मुहैया करवाती है।