कर्नाटक के एक स्कूल में प्रधानाध्यापक की पिटाई केवल इसलिए हो गई, क्योंकि वह छात्रों से पैगंबर मोहम्मद मोहम्मद पर एक निबंध लिखवा रहा था। कर्नाटक के नागवी गांव में सरकारी हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक अब्दु मुफ़र बीजापुर ने एक निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित की थी। इस प्रतियोगिता में छात्रों को पैगंबर मोहम्मद पर एक निबंध लिखना था। प्रतियोगिता के विजेता को पुरस्कार के रूप में 5000 रुपये मिलते।
जैसे ही इस प्रतियोगिता की खबर राइटविंग एक्टिविस्ट्स को हुई, वे वहां स्कूल में पहुँच गए और बच्चों के सामने प्रधानाध्यापक की पिटाई कर दी। हालांकि इस प्रतियोगिता से कुछ छात्रों के माता पिता भी नाराज थे। कुछ छात्रों के माता पिता ने आरोप लगाया कि यह कृत्य प्रधानाध्यापक द्वारा बच्चों को धार्मिक रूप से परिवर्तित करने का एक तरीका था।
निबंध प्रतियोगिता के विषय से उत्तेजित छात्रों के माता-पिता में से एक ने दक्षिणपंथी कार्यकर्ता (right wing activist) समूह श्री राम सेना से संपर्क किया। छात्रों के माता-पिता ने कहा कि वे प्रतियोगिता के पीछे की मंशा जानना चाहते हैं और साथ ही उन्होंने प्रधानाध्यापक पर बच्चों पर ‘इस्लाम थोपने’ का आरोप लगाया।
वहीं मामला सुर्ख़ियों में आने के बाद राज्य के शिक्षा विभाग के समक्ष भी उठाया गया है। शिक्षा विभाग ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। खंड शिक्षा अधिकारी विरुपक्षप्पा नादुविनमनी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “मैं श्री राम सेना से शिकायत की कॉपी प्राप्त करूंगा और स्कूल के प्रधानाध्यापक और छात्रों से भी जानकारी प्राप्त करूंगा। इसके बाद सारी जानकारी उप निदेशक को सौंप दूंगा।”
बता दें कि इसी वर्ष कर्नाटक में स्कूलों और कॉलेजों को हिजाब को लेकर भारी विरोध का सामना करना पड़ा। यह मामला कर्नाटक हाईकोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा और इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी चली। जबकि कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला भी सुना दिया है और स्कूलों-कॉलेजों में राज्य सरकार के ड्रेस कोड को बरकारार रखा है।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि हिजाब इस्लाम धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है और राज्य सरकार ने स्कूलों में ड्रेस के लिए जो नियम बनायें हैं, वह जारी रहेगा।