भारत समेत पूरी दुनिया में बुधवार (31 जनवरी) को चंद्र ग्रहण की एक खगोलीय घटना घटी। माना जा रहा है कि 156 वर्षों के बाद ऐसा संयोग बना है, जब सुपर मून, ब्लूमून और रेड मून एक साथ तीनों दिखा हो। ज्योतिष विज्ञान में इसे अहम माना जा रहा है। लिहाजा, कर्नाटक के सियासी सर्किल में दिनभर विशेष पूजा-अर्चना का कार्यक्रम चलता रहा। बता दें कि इस साल कर्नाटक में विधान सभा चुनाव होने हैं। इसलिए सभी राजनीतिक घराने इस ज्योतिषीय घटना के मद्देनजर विशेष पूजा अर्चना कराने में मशगूल दिखे। पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेक्यूलर के अध्यक्ष एच डी देवगौड़ा ने जहां अपने बेंगलुरु आवास पर सत्यनारायण पूजा कराई, वहीं उनके बड़े बेटे एच डी रेवन्ना ने तमिलनाडु के अलग-अलग मंदिरों में पूजा की। न्यूज 18 से बात करते हुए देवगौड़ा ने कहा, “हम अक्सर सभी पूर्णिमा और चंद्रग्रहण के दिन सत्यनारायण पूजा कराते हैं। मैं एक हिन्दू हूं और मुझे भगवान में गहरी आस्था है। हमने आज पूरे मनोयोग से विशेष पूजा की है।”
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य में बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री पद के दावेदार बी एस येदियुरप्पा ने भी विशेष पूजा की है। हालांकि, उनके परिजनों से इससे इनकार किया है। उनके एक करीबी ने कहा कि येदियुरप्पा के घर पर किसी तरह की पूजा नहीं हुई है। लोकल चैनलों पर चल रही इस तरह की खबर बेबुनियाद है।
न्यूज 18 के मुताबिक कर्नाटक कांग्रेस प्रचार समिति के प्रमुख और राज्य सरकार में ऊर्जा मंत्री डी के शिवकुमार, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष जी परमेश्वरा, जेडीएस स्टेट चीफ एचडी कुमारास्वामी समेत करीब दर्जन भर कैबिनेट मंत्री चंद्रग्रहण पूरा होने के बाद बुधवार की रात विशेष पूजा-अर्चना करने वाले हैं। बता दें कि हिन्दू धर्म परंपरा में चंद्रग्रहण पर कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस दौरान देशभर में लोग नदी-सरोवरों में स्नान और दान-पुण्य करते दिखे। हरिद्वार, बनारस, इलाहाबाद, पटना समेत कई जगहों पर श्रद्धालुओं ने चंद्रग्रहण के दौरान गंगा स्नान किया।
बता दें कि चुनावी साल होने की वजह से कर्नाटक में हिन्दू और हिन्दुत्व का मुद्दा भी छाया हुआ है। अभी कुछ दिन पहले ही राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने गायों की सुरक्षा के लिए अष्टयाम यज्ञ कराने का फैसला किया है। इस एक दिवसीय यज्ञ का आयोजन 2 फरवरी को राजधानी बेंगलुरु में किया जाएगा।