बीते कुछ दिनों से कर्नाटक में बनी असमंजस की स्थिति साफ हो गई है। कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि राज्य में राजनीतिक संकट खत्म हो गया है। इसके साथ ही कांग्रेस ने कहा, गठबंधन सरकार को अस्थिर करने के भाजपा के कथित प्रयासों को “बेनकाब” करेंगे। दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने संकेत दिया कि यह है जब तक सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायक उनके नेतृत्व के खिलाफ खुले विद्रोह में नहीं आते हैं, ऐसी किसी भी कोशिश के लिए वह कदम नहीं बढ़ाएंगे। भाजपा के एक नेता का कहना है कि पार्टी अब दक्षिण में सरकार बनाने की संभावनाओं को तलाश रही है।
भाजपा नेताओं के अनुसार, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने विधायकों को इधर से उधर करने या सरकार के लिए कोई परेशानी पैदा करने की कोशिश नहीं की। उन्होंने बताया कि अगर ऐसा करने का प्रयास भी किया जाता तो पार्टी के ही खिलाफ संदेश जाता। वहीं, दिल्ली में बैठे भाजपा के आलाकमान ‘वेट एंड वाच’ की रणनीति के तहत बैठे हुए हैं। इस दौरान वह ‘ऑपरेशन कमल’ के तहत कोई हरकत नहीं कर रहे।
कर्नाटक में भाजपा नेता पी मुरलीधर राव ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि, हम अभी शांति से स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। हम अभी कुछ भी नहीं कर रहे हैं। हालांकि यह हमारी जिम्मेदारी नहीं है कि कर्नाटक की गंठबधन वाली सरकार बनी रहे। बीजेपी के कई नेताओं ने इस ओर भी इशारा किया कि कर्नाटक के घटनाक्रमों से पार्टी को महागठबंधन के चुनाव में गठबंधन बनाने के “असफल” प्रयोगों को उजागर करने का मौका मिल सकता है। पार्टी के एक नेता ने कहा, हम लोगों को दिखा सकते हैं कि कैसे गठबंधन कमजोर हो सकता है।
बता दें कि, सोमवार (14 जनवरी) को कर्नाटक में राजनीतिक वाकयुद्ध शुरू हो गया था जब दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था। वहीं, कर्नाटक की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के 104 विधायक देश की राजधानी दिल्ली सटे गुरुग्राम के एक रिसॉर्ट में डेरा डाला था। इस पर प्रदेश भाजपा के प्रमुख और पूर्व सीएम बी. एस. येदियुरप्पा ने कहा कि भाजपा विधायकों को जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) तोड़ना चाहती है। हम लोग एक साथ है और अभी एक-दो दिन दिल्ली में रुकेंगे।
हालांकि बीते दिन राज्य के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि स्थिति ‘नियंत्रण’ में है और चिंता की कोई बात नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है और वह निश्चित हैं। कुमारस्वामी ने कहा था कि , मेरे लिए पास पर्याप्त संख्या बल है। खरीद फरोख्त करने की को जरूरत नहीं है। पर्याप्त संख्याबल है। सबकुछ नियंत्रण में है। चिंता की बात नहीं।