कर्नाटक के कारवार जिले के एक गांव में भाई-बहन द्वारा खुद से खेत को जोतने का काम करने की खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि इनके पास खेत जोतने के लिए बैल या दूसरा कोई साधन नहीं है। ऐसे में इन भाई-बहन को ही खुद बैलों की तरह खेत जोतना पड़ रहा है। कहा जा रहा है कि ये दोनों ऐसा काम बीते 15 वर्षों से कर रहे हैं। इनके परिवार की आर्थिक स्थिति नाजुक बताई जा रही है। इस बीच दोनों ने आरोप लगाया कि उन्हें सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है।

क्या है मामला: एनबीटी में छपी खबर के मुताबिक ये मामला कारवार जिले का है। जहां गिरिधर गुनागी (30) और बहन सुजाता गुनागी (25) दोनों भाई-बहन अपने परिवार के एक छोटे से गांव में रहते हैं। इन दिनों ये दोनों खेतों की जुताई का काम कर रहे हैं, क्योंकि दोनों ही बारिश से पहले खेतों की जोतने का काम पूरा करके अनाज और सब्जियां बोना चाहते हैं। लेकिन गौरतलब बात यह है कि उनके पास जुताई का कोई साधन नहीं है। जिसके चलते वो दोनों खुद ही बैल के जैसे खेतों की जुताई का काम करते हैं। गिरिधर की बहन ने बताया कि उसका भाई अर्थराइटिस की बीमारी से पीड़ित है, जो कि दर्द में भी खेती का काम करता रहता है।

National Hindi News, 14 june 2019 LIVE Updates: पढ़ें आज की बड़ी खबरें

बहन ने सुनाई आपबीती: गिरिधर गुनागी की बहन सुजाता ने बताया कि वह और उसका भाई अपनी 70 साल की मां के साथ रहते हैं। उसने बताया कि हम लोग जैविक खेती करते हैं और उसे बाजार में बेचकर अपना जीवन यापन करते हैं। सुजाता ने बताया कि हम खेत जोतने के लिए पशु या कोई दूसरा साधन नहीं खरीद सकते, इसलिए हमें खुद से ही खेत जोतना पड़ता है। बताया जा रहा है कि यह काम ये दोनों बीती 15 सालों से कर रहे हैं।

सरकार से मदद की उम्मीद: सुजाता ने बताया कि अर्थराइटिस के कारण भाई के शरीर में काफी दर्द होता है। वे लोग कृषि विभाग से सब्सिडी वाला टिलर लेने गए थे, लेकिन कोई मदद नहीं मिली।