कर्नाटक कांग्रेस के विधायक तनवीर सैत ने टीपू सुल्तान की 100 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की है। तनवीर सैत ने कहा कि प्रतिमा टीपू की पूर्व राजधानी श्रीरंगपटना में या पास में कावेरी के तट पर स्थापित की जाएगी। वहीं कांग्रेस विधायक की इस घोषणा का संघ परिवार ने विरोध किया है।
वहीं कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री सी.एन. अश्वथ नारायण ने कांग्रेस विधायक के इस विचार की निंदा की। जबकि श्री राम सेना के प्रमोद मुथालिक ने मूर्ति बनने पर उसे गिराने की धमकी दी। संघ परिवार का कहना है कि टीपू एक अत्याचारी था, जिसने कोडागु में हिंदुओं और दक्षिण कन्नड़ जिले में ईसाइयों का नरसंहार किया या जबरन धर्मांतरण किया। इन क्षेत्रों के साथ-साथ केरल के आस-पास के मालाबार क्षेत्र में मंदिरों को नष्ट कर दिया था टीपू ने, ऐसा संघ आरोप लगाता है।
हालांकि भाजपा के विधान परिषद सदस्य एएच विश्वनाथ, जो हाल ही में अपनी पार्टी की आलोचना करते रहे हैं, उन्होंने कांग्रेस विधायक सैत की घोषणा का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, “टीपू एक महान योद्धा और कन्नडिगाओं का गौरव था। अन्य राजाओं के विपरीत वह अंग्रेजों के सामने नहीं झुके। अपने निजी स्वार्थों के लिए इतिहास को फिर से लिखकर उनकी छवि खराब करने की साजिश रची जा रही है लेकिन यह उनकी उपलब्धियों को कम नहीं कर सकता।”
बता दें कि तनवीर सैत ने कहा, “मुस्लिम संघ परिवार की ओर से टीपू के अपमान से आहत हैं। यह सही समय है जब हम लोगों को टीपू की वीरता और उपलब्धियों के बारे में शिक्षित करना चाहिए।
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पत्रकारों से बात करते हुए से कहा कि टीपू सुल्तान की मूर्ति स्थापित करने में क्या गलत है? सिद्धारमैया ने 2016 में मुख्यमंत्री के रूप में 10 नवंबर को टीपू के जन्मदिन को टीपू जयंती के रूप में घोषित किया था और सरकार द्वारा प्रायोजित समारोहों की शुरुआत की थी। लेकिन 2019 में बीजेपी की सत्ता में वापसी के चार दिन बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने राज्य द्वारा वित्त पोषित टीपू जयंती को रद्द कर दिया गया।