कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद (Karnataka-Maharashtra Border Issue) स्वतंत्रता के बाद 1956 में भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के बाद से हर दिसंबर में तेजी पकड़ लेता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कर्नाटक में आयोजित होने वाला कर्नाटक विधानसभा का शीतकालीन सत्र (Winter Session) बेलगावी शहर में आयोजित किया जाता है, जिस पर महाराष्ट्र दावा करता है।

19 दिसंबर को शुरू होने वाले कर्नाटक विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के साथ 65 साल पुराने विवाद का तापमान फिर बढ़ गया है। हालांकि ऐसे संकेत हैं कि बेलगावी में इस साल वर्ष 2021 वाली स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। बता दें कि वर्ष 2021 में इसी समय महाराष्ट्र समर्थक और कर्नाटक समर्थक समूहों के बीच झड़पें हुईं थीं। उस समय महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (MVA) की सरकार थी।

3 दिसंबर को महाराष्ट्र के मंत्रियों के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा कुछ विवादित क्षेत्रों के प्रस्तावित दौरे पर भी चिंता जताई गई जिसके बाद यह दौरा रद्द हो गया। कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ताओं ने मांग की थी कि राज्य सरकार को प्रतिनिधिमंडल को बेलागवी बेलागवी जिले के गांवों में जाने की अनुमति देने से इनकार करना चाहिए, जिसपर महाराष्ट्र दावा करता है।

प्रतिनिधिमंडल शाहपुर में छत्रपति शिवाजी महाराज गार्डन (Chhatrapati Shivaji Maharaj Garden) और बेलगावी जिले के हिंडाल्गा में शहीद स्मारक का दौरा करने वाला था। इसके साथ ही प्रतिनिधिमंडल को महाराष्ट्र द्वारा दावा किए गए गांवों का दौरा करने, महाराष्ट्र एकीकरण समिति के नेताओं से मिलने और 1 जून 1986 को कर्नाटक के स्कूलों में कन्नड़ को अनिवार्य भाषा बनाने के विरोध के दौरान पुलिस की गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिवारों से मिलने का भी कार्यक्रम था।

कर्नाटक समर्थक समूहों ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को पत्र लिखा था कि वे राज्य के वरिष्ठ मंत्रियों के एक प्रतिनिधिमंडल को महाराष्ट्र के कन्नड़ भाषी क्षेत्रों में भेजें ताकि महाराष्ट्र के मंत्रियों की यात्रा का मुकाबला किया जा सके। हालांकि कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को संकेत दिया कि राज्य की भाजपा सरकार सीमा विवाद के मुद्दे पर भावनाएं भड़काने की इच्छुक नहीं है।

कर्नाटक के मुख्य सचिव ने महाराष्ट्र में अपनी समकक्ष को एक फैक्स संदेश में कहा, “कर्नाटक सीएम ने कहा कि सीमा विवाद को लेकर दोनों राज्यों के बीच मौजूदा स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र के मंत्रियों के लिए बेलागवी का दौरा करना उचित नहीं है।”

मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि कर्नाटक सरकार अतीत की तरह बेलगावी क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए कदम उठाएगी। उदाहरण के लिए 2021 में कर्नाटक में भाजपा सरकार ने कई शिवसेना नेताओं को बेलगावी में प्रवेश करने से रोक दिया, जिस दिन कर्नाटक विधानसभा सत्र शुरू होने वाला था।

महाराष्ट्र एकीकरण समिति (Maharashtra Ekikaran Samiti) जिसका गठन बेलगावी में मराठी भाषी गांवों को महाराष्ट्र (1956 में राज्यों के पुनर्गठन के विरोध में) के साथ एकीकृत करने के सिंगल पॉइंट एजेंडे के लिए किया गया था, उसका भी आधार कम हो रहा है क्योंकि इसके कई नेताओं ने संगठन छोड़ दिया है।