Report- Kiran Parashar: कर्नाटक के निकाय चुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। धर्मांतरण बिल पर जारी विवाद के बीच हुए इस चुनाव में कांग्रेस ने राज्य में बड़ी जीत हासिल की है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के छोटे से अबतक के शासनकाल में यह तीसरा चुनाव है जहां बीजेपी को झटका लगा है। इस हार से बसवराज बोम्मई फिर से बैकफुट पर चले गए हैं।
गुरुवार को घोषित कर्नाटक शहरी स्थानीय निकायों के नतीजे भाजपा के लिए एक झटके के रूप में आए हैं, जिसमें कांग्रेस आगे रही है। खासकर छोटे शहरों में। 27 दिसंबर को 20 जिलों के 58 नगरीय निकायों में 1,184 वार्डों के लिए चुनाव हुए थे। कांग्रेस ने 501 वार्ड, बीजेपी ने 433 और जद (एस) ने 45 वार्ड जीते, जबकि 195 वार्ड निर्दलीयों ने जीते।
बसवराज बोम्मई के सीएम बनने के बाद से उनका यह तीसरा चुनाव है। तीनों में से, भाजपा को झटका लगा है। बोम्मई, अपने गृह जिले में सिंदगी विधानसभा उपचुनाव में भी भाजपा को जीत नहीं दिला सके थे। एमएलसी चुनाव में भी बहुमत से बीजेपी चूक गई थी। अब निकाय चुनाव में कांग्रेस ने उसे तगड़ी पटखनी दे दी है।
भाजपा पांच नगर निगमों में आगे निकली, वहीं कांग्रेस के 62 और जद (एस) के 12 वार्डों की तुलना में 166 वार्डों में से 66 पर जीत हासिल की। लेकिन नगर नगरपालिका और नगर पंचायतों में बीजेपी पीछे रह गई। नगर पालिका की 441 सीटों में से कांग्रेस को 202 और भाजपा को 176 सीटें मिलीं। नगर पंचायतों में 577 सीटों में से कांग्रेस को 237 और भाजपा को 191 सीटें मिलीं।
बोम्मई के शिगगांव विधानसभा क्षेत्र में, कांग्रेस ने 23 में से 14 वार्ड जीते। जबकि भाजपा को सात सीटों से ही संतोष करना पड़ा। शेष दो वार्ड निर्दलीय ने जीते। भाजपा के एक सूत्र ने स्वीकार किया कि येदियुरप्पा के जाने के बाद से बिखरती और लड़खड़ाती पार्टी ने आवश्यक प्रयास नहीं किया। यह भाजपा के लिए भी एक झटका है क्योंकि अल्पसंख्यकों पर हमलों की घटनाओं के बीच बीजेपी सरकार, धर्मांतरण विरोधी विधेयक जैसे उपायों के पीछे अपना ध्यान केंद्रीत कर रही है।
बोम्मई ने कहा कि कई स्थानीय निकायों में अल्पसंख्यकों की एक बड़ी आबादी होने के बावजूद, भाजपा उम्मीदों पर खरा नहीं उतरी है। आगे उन्होंने कहा कि भाजपा ने उन क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया है, जहां अतीत में पार्टी की कोई मौजूदगी नहीं थी। वहीं इस जीत से उत्साहित पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि नतीजों से पता चलता है कि भाजपा अकेले धनबल से नहीं जीत सकती और लोगों ने उसके “निराशाजनक शासन” को खारिज कर दिया है।
कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कहा कि हाल के चुनाव परिणाम राज्य में कांग्रेस की लहर का संकेत देते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि कांग्रेस 2023 का विधानसभा चुनाव जीतेगी। उन्होंने कहा कि परिणाम कांग्रेस की विचारधारा की लोकप्रियता की भी पुष्टि करते हैं।