कृष्णा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के बाद उत्तर कर्नाटक के कई क्षेत्रों में फिर से सैलाब आने का खतरा है। वहीं मध्यप्रदेश के अधिकांश भागों में रविवार (08 सितंबर) को जमकर बारिश हुई, जिसके चलते कई जगहों पर सामान्य जनजीवन प्रभावित है। बता दें कि करीब एक महीना पहले ही कर्नाटक में ‘अभूतपूर्व बाढ़’ आई थी। कृष्णा और उसकी सहायक नदियों- मालप्रभा, घाटप्रभा, वेदगंगा, दूधगंगा और हिरण्यकेशी नदी– बेलगावी, बगलकोट, यादगिर और गडाग जिलों में तबाही मचाने के बाद फिर से उफान पर हैं। वहीं कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र (केएसएनडीएमसी) के निदेशक जी एस श्रीनिवास रेड्डी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि पिछले तीन दिनों से हम नारायणपुर (बांध) से दो लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी छोड़ चुके हैं। इससे कुछ पुल और बांध पानी में डूब गए हैं और संचार बाधित हुआ है।
नाले में बह जाने से बच्ची की हुई मौतः वहीं भोपाल के फंदा इलाके के उफनते नाले में दो वर्षीय एक बालिका बह गई, जिससे उसकी मौत हो गई। मामले में खजूरी पुलिस थाने सहायक पुलिस निरीक्षक राजेश मांझी ने ‘भाषा’ को बताया कि शहर के बाहरी इलाके फंदा में प्रकाश सेन की दो वर्षीय बेटी अनुष्का सेन अन्य बच्चों के साथ अपने घर के पास खेल रही थी। इसी दौरान वह फिसल गई और उफनते नाले में गिर कर बह गई, जिससे इससे उसकी मौत हो गई।
National Hindi Khabar, 09 September 2019 LIVE News Updates: पढ़ें आज की बड़ी खबरें
कृष्णा नदी के बढ़ते पानी पर सरकार की नजरः केएसएनडीएमसी के निदेशक ने कहा कि इस बार कर्नाटक की स्थिति भी उतनी ही गंभीर हो सकती है जितनी एक महीने पहले आई बाढ़ के दौरान थी। इसमें कई लोगों की मौत हुई और मवेशियों की भी जान गई थी। इसके अलावा बुनियादी ढांचे और फसलों को भी नुकसान हुआ था। केएसएनडीएमसी बांध में कृष्णा नदी के बढ़ते पानी की निगरानी कर रहा है। बता दें कि पिछले महीने आई बाढ़ से 22 जिलों की 103 तालुका प्रभावित हुई थीं।
भोपाल में सभी नाले उफान परः मौसम वैज्ञानिक पी के शाह ने बताया कि रविवार सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक भोपाल शहर में 62.1 मिलीमीटर बारिश हुई। जबकि इस दौरान पचमढ़ी में 45 मिलीमीटर, जबलपुर में 42 मिलीमीटर, छिन्दवाड़ा में 41 मिलीमीटर, उज्जैन में 28 मिलीमीटर, होशंगाबाद में 26 मिलीमीटर, मंडला में 24 मिलीमीटर, धार में 20 मिलीमीटर, रायसेन में 17 मिलीमीटर एवं ग्वालियर में 13.6 मिलीमीटर बारिश हुई है। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के चलते भोपाल में सभी नाले उफान पर हैं। वहीं शहर के कलियासोत बांध के 13 में से पांच गेट खोल दिए गए हैं। शहर के कई निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं।
कई इलाकों में हो सकती है भारी बारिशः शाह ने बताया कि इसके अलावा, प्रदेश के कई बांधों के गेट खोले गए हैं, जिनमें खंडवा जिले में स्थित प्रदेश के सबसे बड़ा बांध इंदिरा सागर भी शामिल है। इसके अलावा नर्मदा नदी पर बने इस इंदिरा सागर बांध के 20 में से 12 गेट खोले गए हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि सोमवार सुबह साढ़े आठ बजे तक भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, होशंगाबाद सहित प्रदेश के 32 जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है। इसके अलावा कहीं-कहीं पर अति भारी वर्षा होने की भी संभावना है।