कर्नाटक के कालाबुरगी का एक छोटा सा शहर अलर्ट पर है। शनिवार (18 फरवरी, 2023) को शिवरात्रि के अवसर पर हिंदू यहां पूजा करेंगे और मुसलमान भी नमाज पढ़ेंगे। ऐसे में पुलिस को खतरा है कि कोई अप्रिय घटना ना हो। कर्नाटक हाई कोर्ट ने हिंदुओं को दरगाह में शिवरात्रि पर पूजा की अनुमति दी है। वहीं, उर्स उत्सव पर मुसलमान भी यहां नमाज अदा करेंगे। ऐसे में कोई सांप्रदायिक घटना ना हो, इसके लिए इलाके में ड्रोन और अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है, ताकि नजर रखी जा सके।

दरगाह के अंदर मौजूद शिवलिंग की 15 लोगों को पूजा करने की अनुमति

पुलिस ने तनाव को भड़काने के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए कड़े इंतेजाम किए हैं। राजधानी बेंगलुरु से लगभग 600 किलोमीटर दूर कलाबुरगी जिले के अलंद शहर में बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कर्नाटक उच्च न्यायालय की कालाबुरगी पीठ ने शुक्रवार को हिंदुओं के एक समूह को लाडले मुशक दरगाह के अंदर शिवरात्रि पर पूजा करने की अनुमति दी थी।

पहले एक धार्मिक न्यायाधिकरण द्वारा दरगाह में पूजा करने की अनुमति दी गई थी। इसके विरोध में दरगाह के अधिकारियों ने उच्च न्यायालय में अपील की थी। कोर्ट ने पिछले फैसले को बरकरार रखते हुए दरगाह में 15 लोगों को पूजा करने की अनुमति दे दी है। इस दरगाह में एक सूफी संत की मजार है, और परिसर में एक राघव चैतन्य शिवलिंग भी है।

उर्स उत्सव पर 15 लोगों नमाज की अनुमति

आज दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे के बीच लोगों को शिवलिंग की पूजा करने और अनुष्ठान करने की अनुमति दी गई है। आज ही उर्स उत्सव या सूफी संत की पुण्यतिथि भी है, इसलिए अदालत ने मुस्लिम समुदाय के 15 लोगों को भी सुबह 8 बजे से दोपहर के बीच नमाज की अनुमति दी है।

सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इस इलाके में पिछले साल झड़प के दौरान पत्थरबाजी की घटनाएं हुई थीं। कालाबुरगी पुलिस ने अलंद शहर के चारों ओर लगभग 12 चेक पोस्ट स्थापित किए हैं और निगरानी रखने के लिए ड्रोन कैमरों का उपयोग कर रही है।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी आलोक कुमार ने कहा कि विभिन्न इकाइयों के लगभग 500 पुलिसकर्मियों को शहर के विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर तैनात किया गया है। कर्नाटक में इस साल के अंत में चुनाव होना है और कुछ समूहों ने धार्मिक संघर्ष को हवा देकर मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने की कोशिश की है।