karnataka politics: कर्नाटक (Karnataka) में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। भाजपा के पूर्व नेता और मंत्री जी. जनार्दन रेड्डी ने अपने राजनीतिक कदम को लेकर हफ्तों से चल रही अटकलों पर रविवार (25 दिसंबर, 2022) को विराम लगा दिया। उन्होंने साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कर्नाटक राज्य प्रगति पक्ष (Karnataka Rajya Pragati Paksha) नाम की एक नई पार्टी के गठन की घोषणा की। इसके साथ ही अवैध खनन मामले में आरोपी नेता ने बीजेपी से अपना दो दशक पुराना नाता तोड़ लिया।

जनार्दन रेड्डी (Janardhan Reddy) ने कहा कि उनकी पार्टी बासवन्ना के आदर्शों का पालन करेगी और जाति और सांप्रदायिक आधार पर विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ लड़ेगी। उनका लक्ष्य राज्य का विकास है। उन्होंने कहा कि वह 30 जिलों में से प्रत्येक में विकास के मुद्दों पर गौर करेंगे।

रेड्डी ने कहा कि उनकी पत्नी अरुणा भी सार्वजनिक जीवन में उतरेंगी और पूरे राज्य की यात्रा करेंगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह कोप्पल जिले के गंगावती से 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। रेड्डी ने कहा कि मैं अपने जीवन में अब तक अपनी किसी भी नई पहल में कभी असफल नहीं हुआ। बचपन में कंचे खेलने के दिनों से, मैं उनमें से हूं जिसने कभी हार नहीं मानी।

मुश्किल वक्त में दोस्त का पता चलता: रेड्डी

मीडिया से बात करते हुए रेड्डी ने कहा कि जरूरत पड़ने पर ही पता चलता है कि उनके दोस्त कौन हैं। गिरफ्तार किए जाने के बाद की अपनी मुश्किलों को याद करते हुए रेड्डी ने कहा, ‘सिर्फ (पूर्व मुख्यमंत्रियों) बी.एस. येदियुरप्पा और जगदीश शेट्टार मेरी पत्नी और बच्चों की देखभाल करते थे और कोई नहीं आया। उन्होंने कहा कि जब आप अच्छे समय में होते हैं तो हर कोई आपके आसपास होता है। बुरे समय में ही आप जान पाएंगे कि आपके दोस्त कौन हैं।

रेड्डी ने येदियुरप्पा के साथ अपने रिश्तों को साझा किया

रेड्डी ने येदियुरप्पा के साथ अपने रिश्ते को एक पिता-पुत्र को रिश्ता बताया। रेड्डी ने कहा कि नई पार्टी के गठन का फैसला उनका व्यक्तिगत निर्णय था। उन्होंने येदियुरप्पा के साथ इस पर चर्चा नहीं की थी। उन्होंने कहा कि मैं एक राजनीतिक जाल में फंस गया हूं और नई पार्टी का लॉन्च उस जाल से बाहर निकलने का कोशिश है।