केंद्र व बीजेपी शासित प्रदेश की सरकारों द्वारा योजनाओं के नाम बदलने पर अब बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने आ गई है। कर्नाटक में इंदिरा कैंटीन के नाम बदले जाने की मांग पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आपत्ति दर्ज कराई है। बीजेपी नेता सीटी रवि की मांग पर उन्होंने कहा कि इंदिरा कैंटीन के नाम बदलाव की मांग कुछ और नहीं बल्कि प्रतिशोध की राजनीति है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व के नाम पर बहुत सारे कार्यक्रम और योजनाए हैं। क्या हमने उन नामों को बदलने की मांग की ?

सिद्धारमैया ने कहा कि दीन दयाल उपाध्याय फ्लाईओवर, अटल बिहारी वाजपेयी कार्यक्रम, अहमदाबाद में पीएम मोदी के नाम पर स्टेडियम, दिल्ली में अरुण जेटली के नाम पर स्टेडियम है। उन्होंने पूछा कि क्या हमें उन नामों को बदलने की मांग करनी चाहिए? सिद्धारमैया ने कहा कि खेल रत्न में राजीव गांधी का नाम था, उसे क्यों बदलना चाहते थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले पर प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए।

नाम बदलने की मांग क्यों?: बीजेपी नेता सीटी रवि ने कर्नाटक ने नए मुख्यमंत्री बनाए गए बसवराज बोम्मई से पूरे कर्नाटक में इंदिरा कैटीन योजना का नाम बदलकर अन्नपूर्णेश्वरी कैंटीन करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसी कोई वजह नजर नहीं आती जिसके कारण कर्नाटक के लोग खाना खाते वक्त इमरजेंसी के उन काले दिनों को याद करें।

क्या है इंदिरा कैंटीन योजना: कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार के दौरान इंदिरा कैंटीन योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के तहत गरीब लोगों को सस्ती दरों पर भोजन उपलब्ध कराया जाता है। योजना के तहत गरीबों को एक वक्त का नाश्ता और दो वक्त का खाना दिया जाता है। 5 रुपये में सुबह का नाश्ता और 10-10 रुपये में दोपहर व रात का भोजन उपलब्ध कराया जाता है।

नाम बदलाव का चलन: सरकार बदलाव के साथ योजनाओं के नामों में तब्दीली का चलन पुराना है। 2014 में केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद कई योजनाओं के नाम बदल गए, इसी कड़ी में पिछले दिनों राजीव गांधी खेल रत्न पुरुस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरुस्कार कर दिया गया। कई बीजेपी शासित राज्यों में भी नाम बदलाव किए जा रहे हैं।