कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शु्क्रवार (26 जनवरी) को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को जेल के दिनों की याद दिलाई। अमित शाह के साथ उन्होंने कर्नाटक के बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा को भी घेरा। सिद्धारमैया दरअसल अमित शाह के उस बयान का पलवार कर रहे थे जिसमें उन्हें भ्रष्टाचार का पर्याय बताया गया था। गुरुवार (25 जनवरी) को अमित शाह ने कर्नाटक के मैसूर में बीजेपी की परिवर्तन यात्रा में सिद्धारमैया और सूबे की कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा था। अमित शाह ने कहा था कि भ्रष्टाचार का मतलब सिद्धारमैया हो गया है और सिद्धारमैया का मतलब भ्रष्टाचार।

अमित शाह के आरोपों का पलटवार करते हुए सिद्धारमैया ने उनके ट्वीट को ही ट्वीट करते हुए लिखा- ”एक पूर्व कैदी, जिसने दूसरे पूर्व कैदी को कर्नाटक चुनाव के लिए पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया, कहता है कि सिद्धारमैया रमैया ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दीं, कर्नाटक में सिद्धारमैया और भ्रष्टाचार एक दूसरे के पर्याय हैं। सिद्धारमैया का मतलब भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार का मललब सिद्धारमैया है। क्या वह मेरे या मेरी सरकार के खिलाफ लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर तथ्य पेश कर सकते हैं? बता दूं कि झूठ से काम नहीं चलेगा। लोग उनके जुमलों पर यकीन नहीं करेंगे।”

 

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को बेंगलुरु और उसके आसपास खुद को मुनाफा पहुंचाने के लिए जमीनों का पंजीकरण रद्द करने के आरोप में जेल जाना पड़ा था। उन्हें 2016 में बरी कर दिया गया था। वहीं, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को गुजरात का गृहमंत्री रहते हुए 2010 में सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर मामले में जेल जाना पड़ा था। येदियुरप्पा की तरह शाह को भी चार साल बाद बरी कर दिया गया था।

अमित शाह ने गुरुवार को सिद्धारमैया सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा था कि उनके राज में सूबे में आरएसएस के 20 से ज्यादा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई और सरकार ने हत्यारोपियों के खिलाफ केस वापस ले लिए। उन्होंने कहा कि अगर राज्य में बीजेपी की सरकार बनी तो आरएसएस कार्यकर्ताओं के हत्यारोपियों को पाताल से भी ढूंढ़ निकाला जाएगा। अमित शाह ने सिद्धारमैया सरकार पर धर्म के आधार पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया था।

अमित शाह का ट्वीट