Karnataka Congress Crisis: कर्नाटक में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थकों के बीच चल रही जंग अब इनके अफसरों तक पहुंच गई है। दोनों नेताओं के टॉप अफसरों के बीच नई दिल्ली स्थित कर्नाटक भवन में झड़प हुई है।

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, डीके शिवकुमार के स्पेशल ऑफिसर एच. अंजनेया ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के स्पेशल ऑफिसर और असिस्टेंट रेजिडेंट कमिश्नर सी. मोहन कुमार ने उन्हें जूते से पीटा है।

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यह मामला तब सामने आया जब एच. अंजनेया ने रेजिडेंट कमिश्नर इमकोंगला जमीर के सामने इसे लेकर शिकायत दर्ज कराई और सी. मोहन कुमार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, अंजनेया ने अपनी शिकायत में कहा, “मुझे जूते से पीटा गया और इससे मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है। उसके (सी. मोहन कुमार) खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जाए और मेरे साथ इंसाफ किया जाए।”

PTI के अनुसार जमीर ने कहा, “हमें इस मामले में 22 जुलाई को शिकायत मिली है। सही प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।” अंजनेया ने शिकायत पत्र में आरोप लगाया है कि कुमार उनके काम में बाधा डाल रहे हैं। अंजनेया ने कहा कि उपमुख्यमंत्री के विशेष अधिकारी के रूप में काम करते हुए वह अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा है कि अगर कुछ गलत होता है तो कुमार इसके लिए जिम्मेदार होंगे।

और क्या कहा शिकायत में?

शिकायत में अंजनेया ने कुमार के पिछले आचरण का हवाला दिया और कहा कि इससे पहले वह एमएम जोशी नाम के अधिकारी के साथ मारपीट कर चुके हैं और कभी भी उन्होंने अपने सीनियर अफसरों को सम्मान नहीं दिया। मुख्यमंत्री के स्पेशल ऑफिसर ऑन ड्यूटी रहते हुए सी. मोहन कुमार ने हमेशा अहंकार भरा बर्ताव किया है।

सरकार बनने के बाद से ही चल रही लड़ाई

मई 2023 में जब कर्नाटक में कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से बाहर किया था तब मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, दोनों ही मजबूत दावेदार थे। कांग्रेस हाईकमान ने सिद्धारमैया पर भरोसा जताया और उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी लेकिन डीके शिवकुमार के समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग करते रहे हैं। इस तरह मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए यह लड़ाई राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही चल रही है।

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डीके शिवकुमार के खेमे के कांग्रेस नेताओं का दावा है कि ‘रोटेशनल सीएम फार्मूले’ के तहत सिद्धारमैया के ढाई साल पूरे होने के बाद शिवकुमार मुख्यमंत्री बनेंगे हालांकि कांग्रेस नेतृत्व ने कभी भी इस फार्मूले को स्वीकार नहीं किया। अब सरकार का ढाई साल का कार्यकाल पूरा होने में कुछ ही महीने बाकी हैं।

पिछले दिनों दोनों ही नेता दिल्ली आए थे और यहां भी कांग्रेस हाईकमान ने नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई फैसला नहीं किया। इस बीच, दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच लगातार बयानबाजी होती रही। सवाल कांग्रेस हाईकमान से भी है क्योंकि वह इन दोनों नेताओं के बीच चल रहे झगड़े को खत्म नहीं करा पाया है। इससे पहले भी कांग्रेस मध्य प्रदेश से लेकर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में भयंकर गुटबाजी की शिकार हो चुकी है।

अब साफ है कि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच लड़ाई खुलकर सामने आ रही है। यह विवाद अब और भड़क सकता है।

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