दक्षिणपंथियों की तीखी आलोचना करने वाली दिवंगत गौरी लंकेश के भाई इंद्रजीत कर्नाटक की विपक्षी पार्टी भाजपा के लिए वोट मांग रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस पर बहन की हत्या का आरोप भी लगाया है। इंद्रजीत मल्लेश्वरम से भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर अश्वथ नारायण के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। गौरी लंकेश के भाई ने अपने इस कदम को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि वह किसी खास राजनीतिक विचारधारा से बंधे नहीं हैं, लेकिन उन्हें जिस व्यक्ति पर विश्वास है उसके पक्ष में प्रचार कर रहे हैं। इंद्रजीत ने कहा, ‘डॉक्टर अश्वथ नारायण अच्छे दोस्त हैं। मैं उन्हें व्यक्तिगत तौर पर जानता हूं। वह बेहद पढ़े-लिखे इंसान हैं और उनके लिए चुनाव प्रचार करना अच्छा लगता है। मेरी समझ में वह बड़े अंतर से चुनाव जीतेंगे।’ गौरी लंकेश की तकरीबन सात महीने पहले उनके राजराजेश्वरी नगर (बेंगलुरु) स्थित आवास पर ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह दक्षिणपंथियों की मुखर आलोचकों में से एक थीं। विशेष जांच दल ने इस मामले में हिंदू युवा सेना से जुड़े एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया था। हालांकि, इंद्रजीत बहन की हत्या के लिए सिद्धारमैया सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की है।
‘फर्स्टपोस्ट’ के अनुसार, गौरी लंकेश के भाई इंद्रजीत को कई लोगों ने चुनाव प्रचार करने का आग्रह किया था। इंद्रजीत ने कहा, ‘मुझसे जनता दल सेक्युलर और भाजपा के कई लोगों ने चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने का आग्रह किया था। लेकिन, मैंने ऐसा नहीं किया क्योंकि मेरी अपनी विचारधारा है। मैं अश्वथ नारायण को जानता और मानता हूं। प्रचार अभियान में हिस्सा लेने का मतलब यह नहीं है कि मैं उनकी पार्टी की विचारधारा को मान्यता देता हूं।’ हालांकि, भाजपा का प्रचार करने को लेकर इंद्रजीत की एक और बहन कविता की राय बिल्कुल अलग है। कविता ने कहा, ‘मैं राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं। मेरे पिता का झुकाव वामपंथी विचारधारा की ओर था। मेरी बहन (गौरी लंकेश) भी उसी रास्ते पर चली थी। मैंने गौरी को हमेशा अपना नैतिक समर्थन दिया, लेकिन हर किसी को अपना रास्ता चुनने का अधिकार है। इंद्रजीत पर कुछ नहीं कहना है। हमलोग हमेशा से अलग-अलग नावों पर सवार रहे हैं। सवाल यह नहीं है कि हमलोग एक-दूसरे से सहमत या नहीं…यदि मैं उनसे सहमत हूं तो हमेशा उसके साथ खड़ी रहूंगी।’ कविता ने कांग्रेस के प्रति झुकाव की भी बात कही है। उन्होंने बताया कि ‘लंकेश पत्रिका’ के तकरीबन आठ महीने पहले की प्रति को देखने पर पता चलता है कि उसमें कांग्रेस का समर्थन किया गया है। अब भाजपा का समर्थन किया जा रहा है। कविता ने स्पष्ट किया कि वह अब भी पिता और बहन के साथ ही खड़ी हैं।