कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया समर्थकों को पैसे बांटते कैमरे में कैद हो गए हैं। वह विधानसभा चुनाव प्रचार के सिलसिले में मैसूर के रामनहल्ली इलाके में थे। सिद्धारमैया अपने काफिले के साथ जा रहे थे, जब समर्थकों ने उनकी कार को चारों तरफ से घेर लिया था। उसी वक्त वह गाड़ी का गेट खोलकर खड़े हो गए और अपना पर्स निकालकर वहां जुटे समर्थकों को पैसे बांटे। वीडियो में उन्हें दो बार ऐसा करते हुए देखा जा सकता है। ‘टाइम्स नाउ’ के अनुसार, सिद्धारमैया ने दो महिलाओं को 500-500 रुपये के नोट दिए थे। कांग्रेस पार्टी का दावा है कि दो महिलाओं ने आरती उतारनी शुरू कर दी थी। ऐसे में परंपरा के अनुसार उन्होंने दोनों को पैसे दिए। पार्टी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने वहां मौजूद किसी अन्य व्यक्ति को पैसे नहीं दिए थे। कर्नाटक की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की कड़ी आलोचना की है। बता दें कि भजापा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमति शाह भी चुनाव प्रचार के सिलसिले में मैसूर में ही हैं। वहां उन्होंने एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया और दलित नेताओं से मुलाकात भी की।
फुटेज की छानबीन में जुटा चुनाव आयोग: मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव आयोग पैसे बांटने के फुटेज की जांच-पड़ताल कर रहा है। आयोग का कहना है कि पूरी छानबीन के बाद मामला सही पाए जाने पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज कराया जाएगा। बता दें कि चुनावों के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों द्वारा पैसे बांटने की घटनाएं बेहद आम हैं। खासकर दूर-दराज के इलाकों में चुनाव के दौरान पैसे देने की घटनाएं ज्यादा होती हैं। ‘कैश फॉर वोट’ को लेकर हाल में ही मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें याची ने चुनाव के दौरान पैसा देने वाले और पैसे लेने वालों के लिए उम्रकैद का प्रावधान करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पैसे देने का प्रचलन लंबे समय से चला आ रहा है। याची केके. रमेश ने अपनी अर्जी में वर्ष 2009 के एक मामले का उल्लेख किया है, जिसमें एक बड़ी पार्टी के नेताओं ने मतदाताओं को पैसे बांटे थे और चुनाव आयोग मूकदर्शक बना रहा था।
JUST IN: Siddaramaih lands in soup, caught handing out cash, EC examines ‘cash distribution’, Cong CM gives money on tape, BJP slams poll code violation | Imran Khan shares more details #SiddaRupaiah pic.twitter.com/0Ly1HLNtSO
— TIMES NOW (@TimesNow) March 30, 2018
आचार संहिता है लागू: निर्वाचन आयोग कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तिथियां पहले ही घोषित कर चुका है। तिथि घोषित होते ही आचार संहिता लागू हो जाती है, जिसके तहत कई गतिविधियां प्रतिबंधित हो जाती हैं। इस दौरान सरकार कोई भी ऐसा कदम नहीं उठा सकती है, जिससे मतदाताओं के प्रभावित होने की आशंका हो। यहां तक कि आचार संहिता लागू होने पर नई विकास परियोजनाओं की भी घोषणा नहीं की जा सकती है। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए उन्हें किसी तरह का प्रलोभन देने की मनाही है। मतदाताओं को पैसे बांटना या शराब मुहैया कराने पर संबंधित उम्मीदवार के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। उम्मीदवार या पार्टी नेता धर्म या किसी अन्य आधार पर भी लोगों को पैसे नहीं दे सकते हैं। राज्य में एक चरण में ही 12 मई को वोट डाले जाएंगे, जबकि 15 मई को काउंटिंग होगी।