कर्नाटक में भी CBI को अब से जांच की सीधी इजाजत नहीं मिलने वाली है। राज्य से परमीशन मिलने के बाद सीबीआई तफ्तीश कर पाएगी। इससे पहले भी कई राज्य ऐसे ही सीबीआई के आने पर रोक लगा चुके हैं, बड़ी बात यह है कि ज्यादातर राज्य गैर बीजेपी शासित वाले हैं। लेकिन कर्नाटक सरकार के इस फैसले को लेकर विवाद ज्यादा देखने को मिल रहा है, टाइमिंग को लेकर बवाल की स्थिति है।
टाइमिंग को लेकर क्यों बवाल?
असल में जानकारी के लिए बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री इस समय MUDA से जुड़े कथित घोटाले में फंसे हुए हैं, राज्यपाल ने उनके खिलाफ जो जांच के आदेश दिए थे, कोर्ट ने भी उसे जारी रखा है। इसी वजह से माना जा रहा था कि सीएम को और उनकी पत्नी को आने वाले दिनों में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। अब उस बीच में ही आनन-फानन में कर्नाटक में सीबीआई की एंट्री पर ही रोक लगा दी गई है, जांच करने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी वाले क्लॉज को जोड़ दिया गया है।
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क्या पहले थी सीबीआई को जांच की इजाजत?
वैसे एक बड़ी बात यह है कि कर्नाटक में पहले सीबीआई जांच की अनुमति थी। असल में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम (Delhi Special Police Establishment Act) के तहत केंद्र सरकार ने जांच एजेंसी को राज्य में जांच की अनुमति दे रखी थी, ऐसे में सीबीआई स्वतंत्र रूप से अपना काम कर रही थी। लेकिन अब राज्य सरकार ने अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हुए जांच एजेंसी की एंट्री पर ही रोक लगा दी है।
वैसे राज्य सरकार के मंत्री दावा कर रहे हैं कि उन्हें MUDA मामले की वजह से सीबीआई की एंट्री पर रोक नहीं लगाई है। तर्क दिया जा रहा है कि सीबीआई को गलत रास्ते पर जाने से रोकने के लिए यह फैसला लिया गया है। यहां तक कहा गया है कि अगर कोर्ट सीबीआई जांच के आदेश देता है तो सरकार का कोई मतलब नहीं रह जाता। अभी के लिए इस मामले पर विवाद है।
क्या है पूरा मामला
कर्नाटक में मुदा (MUDA) जमीन आवंटन घोटाले को लेकर सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस मामले में सीएम सिद्दारमैया के खिलाफ जांच शुरू करने और मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। पूरा मामला 3.14 एकड़ जमीन से जुड़ा है। यह जमीन सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के नाम पर है। इसी मामले को लेकर बीजेपी लगातार सिद्धारमैया के खिलाफ हमलावर थी। इस मामले में राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ मामला चलाने की अनुमति दी थी।