कर्नाटक से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। तुमकुर की एक 11 वर्षीय लड़की को उसकी चाची ने कथित तौर पर 35 हजार रुपये का कर्ज चुकाने के लिए बेच दिया था। बच्ची को आंध्र प्रदेश के हिंदूपुर में बेचा गया था। लेकिन तुमकुर सिटी की पुलिस ने उसे सफलतापूर्वक बचा लिया और उसके घर वापस ले आई।

तुमकुर जिला श्रम अधिकारी के.तेजवती ने कहा, “नाबालिग लड़की को अप्रैल में छुट्टियों के लिए उसकी मौसी के घर हिंदूपुर भेजा गया था क्योंकि वह चौथी कक्षा में पढ़ रही थी। चाची ने अपनी बहन से वादा किया था कि वह लड़की की देखभाल करेगी लेकिन कथित तौर पर उसे बेच दिया। उसने कर्ज चुकाने के लिए अपनी भतीजी को मकान मालिक श्रीरामुलु को 35 हजार रुपये में बेच दिया।”

मकान मालिक श्रीरामुलु ने लड़की को बंधक बना लिया और उसे बत्तखें चराने के लिए मजबूर किया। जब बच्ची की मां जून के आखिरी हफ्ते में हिंदूपुर गईं, तो उन्होंने अपनी बेटी को मकान मालिक के साथ काम करते हुए पाया।

जैसे ही मां ने अपनी को बेटी को देखा उन्होंने तुरंत अपनी बेटी की रिहाई की गुहार लगाई। उनकी अपीलों के बावजूद, श्रीरामुलु ने इनकार कर दिया, और जोर देकर कहा कि उसने लड़की को खरीदा है और उसकी रिहाई के लिए लोन चुकाने की मांग की। के. तेजावती ने मीडिया को बताया, “मां ने 3 जुलाई को मुझसे शिकायत की। मैंने एसपी को एक पत्र लिखा, जिन्होंने शहर पुलिस को कार्रवाई करने का आदेश दिया और उन्होंने लड़की को बचाया। हमने सुजाता (30), उसके पति शंकर (35) और मकान मालिक श्रीरामुलु (40) पर आईपीसी की धारा 137 (अपहरण) और 140 (गलत तरीके से कैद करना) के तहत मामला दर्ज किया है और बच्चे को श्रीरामुलु के घर से बचाया है। हमने जांच शुरू की और जल्द ही उचित कार्रवाई करेंगे।”

जिला अधीक्षक ने सिटी पुलिस को युवा लड़की को बचाने का काम सौंपा। पुलिस ने लड़की को ढूंढ लिया और बुधवार को उसे सुरक्षित तुमकुर वापस ले आई। तुमकुर शहर के पुलिस निरीक्षक वी मंजुला ने कहा, “मां की शिकायत के बाद हम हिंदूपुर गए और लड़की को बचाया।”

तेजवती ने सफल बचाव अभियान पर राहत और संतुष्टि व्यक्त की और लड़की को सुरक्षित वातावरण में रखा गया है। उन्होंने कहा कि बच्ची की भलाई सुनिश्चित करने और मामले के कानूनी पहलुओं पर आगे कदम उठाए जा रहे हैं।