कर्नाटक चुनाव के लिए प्रचार के आखिरी दिन की रणभेरी बजने के साथ ही सियासी पार्टियों के योद्धाओं ने पूरी ताकत झोंक दी है। गुरुवार (10 मई) को चुनावी प्रचार का आखिरी दिन है। बीजेपी ने अपने 50 नेताओं को ड्यूटी पर लगाया है। इसमें कई केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं। ये सभी आखिरी दिन रोड शो और जनसभाएं आदि कर जनता से वोट की अपील कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिन की शुरुआत नरेंद्र मोदी ऐप के जरिये प्रधानमंत्री के सभी नेताओं को चुनावी प्रचार को लेकर दिए गए संदेश से हुई। सीएम सिद्धारमैया की विधानसभा उम्मीदवारी वाले क्षेत्र बडामी में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का रोड शो रखा गया। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, अनंत कुमार, प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल, डीवी सदानंद गौड़ा, अनुराग ठाकुर, कृष्णपाल गुज्जर और संतोष गंगवार की ड्यूटी लगी है। भाजपा के ये वरिष्ठ नेता उन 50 नेताओं में शामिल हैं जो आखिरी दिन वोटरों को लुभाने के लिए अपना दमखम दिखा रहे हैं। इसके अलावा तीन-तीन बार मुख्यमंत्री बनने वाले मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह चौहान और छ्त्तीसगढ़ के रमन सिंह भी रोड शो कर रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि गुजरात में बीजेपी के साथ उनकी कायदे की टक्कर थी, यहां चुनाव दो विचारधाराओं के बीच हैं और वह जीत के लिए आश्वस्त हैं। राहुल गांधी ने बुधवार को बेंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए पीएम मोदी और भाजपा पर उनकी मां को उनके इटली वाले नाम से पुकारे जाने पर हमला किया था। राहुल गांधी ने कहा कि उनकी मां किसी भारतीय से ज्यादा भारतीय हैं, उन्होंने देश के लिए बलिदान किया है। उन्होंने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि मोदी जी अंदर से गुस्सा हैं, ऐसी टिप्पणियां उनको शोभा नहीं देतीं। वहीं पीएम मोदी ने गुरुवार को दलितों के मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संविधान बनाने वाले दलित आइकन बाबा साहब अंबेडकर का सम्मान नहीं किया। उन्होंने कहा कि जब तक कांग्रेस सत्ता में थी, बाबा साहब को भारत रत्न नहीं दिया गया था।

बता दें कि पीएम मोदी पिछले कुछ दिनों से लगातार रैलियां कर कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखे प्रहार कर जनता से बीजेपी के खाते में वोट करने की अपील कर रहे हैं। इधर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने और पार्टी ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। कर्नाटक कांग्रेस का किला माना जाता है और इस किले को बचाने के लिए राहुल गांधी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ दिन-रात एक कर रहे हैं। कांग्रेस के लिए कर्नाटक इसलिए भी अहम है कि क्यों कि देश के ज्यादातर राज्यों में वह सिमट चुकी हैं और यहां वह पहले से सत्ता में हैं, ऐसे में यह चुनाव जीतना कांग्रेस के लिए साख का सवाल बना हुआ है। 12 मई को राज्य की 224 सीटों के लिए एक ही चरण में मतदान होगा और नतीजे 15 मई को आएंगे।