किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में मंगलवार को हरियाणा के करनाल में किसान महापंचायत का आयोजन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में हजारों किसान भाग लेने के लिए करनाल पहुंच चुके हैं।

किसानों को इस प्रदर्शन में करनाल प्रशासन ने हिंसा की आशंका जताई है। प्रशासन का कहना है कि खुफिया रिपोर्टों से संकेत मिले हैं कि कुछ असामाजिक तत्व लाठी, लोहे की छड़ आदि से लैस होकर प्रदर्शन में शामिल हुए हैं। इनका इरादा सही नहीं है। पुलिस और प्रशासन ने किसान नेताओं से बात की है। ताकि ऐसे तत्वों को कार्यक्रम स्थल से निकाला जा सके, लेकिन ये लोग अपने नेताओं की एक नहीं सुन रहे हैं।

पुलिस ने बयान जारी करते हुए कहा कि ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं दूसरी तरफ करनाल जिला प्रशासन ने किसान नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। जिसके बाद किसानों की तरफ से 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जिला प्रशासन से बातचीत करने पहुंचा है।

किसान नेता चढ़ूनी ने मंच से घोषणा की, कि वो बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन बैकफुट पर है, शुरू में प्रशासन हमें अनाज मंडी में सभा को आयोजित करने की अनुमति नहीं दे रहा था, उन्होंने धारा 144 लागू कर दी थी, अब वे हमें बातचीत के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। हम बातचीत के लिए जाएंगे।

आगे उन्होंने कहा कि अगर इस सभा में मौजूद कोई व्यक्ति हथियार लिए हुए है तो वह हम में से नहीं है। यह हमारे शांतिपूर्ण आंदोलन को बदनाम करने की साजिश हो सकती है। हम हिंसा में शामिल नहीं होंगे और जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।

इससे पहले चढ़ूनी ने महापंचायत की घोषणा करते हुए कहा था कि किसान मंगलवार सुबह करनाल की नयी अनाज मंडी में एकत्रित होंगे, और लघु सचिवालय का घेराव करेंगे।

प्रशासन की तरफ से किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए जिले में इटंरनेट सेवा को बंद कर दिया है। साथ ही कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और पानीपत में भी इंटरनेट/एसएमएस सेवाएं 7 सितंबर (सोमवार रात से मंगलवार रात तक) के लिए निलंबित कर दी गयी है।