जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कारगिल में सेना की एक यूनिट के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर अतिक्रमण को लेकर हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक सेना की यूनिट पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि जिस जमीन का यह मामला है, 2014 में उसे कोर्ट कॉम्पलेक्स के लिए आवंटित किया गया था। 1999 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले कारगिल स्थित पुलिस स्टेशन ने यह एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर कारगिल की बार एसोसिएशन ने दर्ज कराई है। प्रधान जिला और सत्र न्यायालय के निर्देशानुसार सेना की यूनिट के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सेना के मुताबिक काफी पहले आवंटित की गई यह उसी की जमीन है। पुलिस में दर्ज एफआईआर के मुताबिक सेना की इकाई ने कुरबाठांग इलाके में जमीन पर अतिक्रमण करने की कोशिश की, वहां अस्थाई स्ट्रक्टर खड़ा किया और अपने वाहन खड़े किए।
सेना और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मामले पर टिप्पणी करने से इनकार किया है। बार एसोसिएशन ने अधिकारियों से आग्रह किया है कि इस मामले पर त्वरित कदम उठाएं और यह सुनिश्चित करें सेना वह जमीन खाली करे और दूसरा कोई वहां अतिक्रमण न कर पाए।
बता दें कि सेना से जुड़ा एक और मामला सुर्खियों में है।आर्मी जनरल कोर्ट मार्शल ने दो साल पुराने एक यौन शोषण के मामले में एक मेजर जनरल को दोषी पाया है। जनरल कोर्ट मार्शल ने मेजर जनरल को बर्खास्त करने की सिफारिश की है। मामला सेना की हाई अथॉरिटीज के पास है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2016 में सेना की ही एक कैप्टन रैंक की महिला अधिकारी ने मेजर जनरल के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया था। आरोपी के वकील का कहना है कि बचाव पक्ष की दलील सुने बिना ही फैसला सुनाया गया। वहीं, आरोपी मेजर जनरल का कहना है कि उन्हें गुटबाजी का निशाना बनाया जा रहा है।