Kanwar Yatra: सावन के महीने में कांवड़ियों की सेवा करने वाली समितियों को आर्थिक मदद व परेशानियों से मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए। अब कांवड़ियों को आर्थिक सहायता के रूप में 50 हजार से 10 लाख रुपए दिए जाएंगे। साथ ही शिविर लगाने वाली समितियों को सरकार की ओर से 1200 यूनिट मुफ्त बिजली भी मिलेगी।
इसके अलावा निविदा प्रक्रिया को खत्म कर एकल खिड़की प्रणाली शुरू कर दी गई है। ऐसे आयोजनों को सहयोग देने व निगरानी के लिए ‘मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव समिति’ के गठन का भी निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद प्रेसवार्ता के दौरान इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कांवड़ समितियों को अब प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से अनुदान प्रदान किया जाएगा। जिससे पुरानी निविदा प्रक्रिया प्रणाली समाप्त होगी और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी। साथ ही अनुदान का लाभ केवल पंजीकृत समितियों को मिलेगा, जिनके पास पैन नंबर, बैंक विवरण, और पंजीकरण प्रमाणपत्र जैसी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध रहेंगी।
सहायता राशि को व्यवस्थित और पारदर्शी रूप दिया जाएगा
कांवड़ शिविरों को उनके ‘टेंटिंग क्षेत्र’ और शिविर के संचालन के दिनों की संख्या के आधार पर श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, ताकि सहायता राशि को व्यवस्थित और पारदर्शी रूप से प्रदान किया जा सके। समिति को कम से कम 50,000 और अधिकतम 10 लाख रुपए तक की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी।
कांवड़ समितियों को अनुदान की कुल राशि का 50 फीसद पहले व 50 फीसद शेष राशि तभी जारी होगी जब समिति उपयोगिता प्रमाण पत्र, एसडीएम या तहसीलदार द्वारा ‘जियो-टैग फोटो’ सहित सत्यापन, और पूर्ण अंकेक्षण दस्तावेज जमा करवाएंगे। साथ ही इस साल एक मंत्री समूह का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता मंत्री कपिल मिश्रा करेंगे और इसमें चार विधायक शामिल होंगे जो शिविरों की सूची को अंतिम रूप देंगे।
सभी जिलों में एकल खिड़की प्रणाली स्थापित की जाएगी, जहां जिलाधिकारी की देखरेख में अनुमति और एनओसी एक ही स्थान से सरल और समयबद्ध तरीके से 72 घंटों के भीतर मिल सकेंगी।
सचिव, राजस्व सह प्रभागीय आयुक्त के द्वारा अंतर-विभागीय समन्वय बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें दिल्ली पुलिस, दिल्ली जल बोर्ड, दमकल सेवा, एमसीडी, स्वास्थ्य, डीडीए , परिवहन, और बिजली विभाग सहित सभी आवश्यक विभाग सक्रिय रूप से शामिल होंगे। कांवड़ समितियों के लिए यह अनिवार्य होगा कि वे अपने कैंप में ‘वाटरप्रूफ टेंट’, शामियाना, बिस्तर, मंच, अवरोधक, सीसीटीवी, कनात, पंखा, कूलर, लाइट की व्यवस्था, अग्निशमन यंत्र, और समुचित साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
शिवलिंग पर जल कैसे चढ़ाएं, क्या है सही तरीका? जानिए सही विधि एवं नियम