Kanpur Violence: कानपुर हिंसा में फंडिंग के आरोपी हाजी वसी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई होगी। पुलिस की रिपोर्ट के बाद डीएम ने संस्तुति भेजी थी, जिसके बाद उस पर रासुका लगा दी गई है। बीते जून महीने में कानपुर के नई सड़क पर जुमे की नमाज के बाद दंगा भड़क गया था। इस दौरान हिंसा की कई घटनाएं सामने आई थीं।

इस मामले में हाजी वसी पर आरोप लगा था कि उसने उपद्रव में फंडिंग की है। बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा और बिल्डर हाजी वसी पर आरोप था कि उन्होंने चंद्रशेखर हाता खाली कराने के लिए एक करोड़ रुपए में सौदा किया था। मामले की छानबीन कर रही स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम को पता चला कि हयात ने बिल्डर हाजी वसी के साथ करीब डेढ़ करोड़ रुपए की संपत्तियों को बेचकर धनराशि इकट्ठा की थी।

कानपुर हिंसा 3 जून को हुई थी, इससे एक दिन पहले भी वसी ने तकरीबन 34 लाख रुपए की संपत्तियां बेची थीं। वसी पर आरोप है कि उसने अतीक खिचड़ी और सबलू को 4-4 लाख रुपए दिए थे, ये दोनों डी-टू (जिला-दो) गैंग के सदस्य हैं।

पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की आपत्तिजनक टिप्पणी को आधार बनाकर बाजार बंद करने की घोषणा की गई थी। बंद को लेकर शुरू हुआ विवाद धीरे-धीरे उपद्रव में बदल गया था। वसी फिलहाल नई सड़क हिंसा मामले को लेकर कानपुर की जेल में बंद है। पुलिस ने वसी के खिलाफ रासुका की रिपोर्ट दी थी।

हाजी वसी से पहले हयात और उसके साथी जावेद अहमद पर रासुका की कार्रवाई की गई थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हाजी वसी पर रासुका की कार्रवाई की फाइल जिलाधिकारी को भेजी गई थी।

कानपुर हिंसा में पथराव, फायरिंग और बमबाजी हुई थी। इस मामले में पुलिस ने जावेद अहमद, हयात जफर हाशमी, बिल्डर हाजी वसी और बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा समेत कई को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।