कानुपर हिंसा मामले में संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि पुलिस अब तक 50 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं पुलिस ने 24 घंटे में 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो लोग हिंसा में शामिल हैं, उनकी पहचान करके गिरफ्तारी का क्रम लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि हम बहुत ही स्पष्ट और सावधानीपूर्वक काम कर रहे हैं कि जो लोग शामिल हैं, जिनके फोटो और वीडियो हैं हम सिर्फ उनको गिरफ्तार करेंगे। साथ ही हिंसा में उनकी क्या सक्रियता रही है, इसकी भी जांच करेंगे। पुलिस कानून के हिसाब से अपना काम कर रही है।

संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि जिनको पूछताछ के लिए लाया गया था। जो निर्दोष हैं, जिनका कोई भी रोल नहीं है। जिनके फोटोग्राफ नहीं पाए गए हैं। हम पूछताछ के बाद उनको घर को जाने दे रहे हैं। साथ ही हम ये सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी प्रकार से या किसी भी रूप में कोई बेगुनाह परेशान ने हो और दोषी किसी भी कीमत पर बचने न पाए। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टिगेशन, एग्जामिनेशन, आइडेंटिफिकेशन और अरेस्ट ये एक चैन है। इसमें पोस्टर जारी करना जांच का एक हिस्सा है। इससे जांच करने में और गुनहगारों को पकड़ने में मदद हुई है। आवश्यकतानुसार हम फोटो जारी करेंगे। साथ ही प्रमाण के साथ हम लोगों के सामने आएंगे। और हम लोगों को कानून के सामने ले जाएंगे।

जानकारी के मुताबिक कानपुर हिंसा के मास्टरमांइड हयात जफर हाशमी की पत्नी व्हाट्सएप ग्रुप की एडमिन है। इससे पहले जफर हयात की पत्नी अपने पति को को बेगुनाह कह चुकी है। उसने आरोप लगाया था कि उसके पति को फंसाया जा रहा है। वहीं कानपुर हिंसा की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि शहर में पीएफआई के पांच सदस्यों में से दो सदस्य गायब हैं। सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि कानपुर में दंगा के लिए दूसरे जिलों और मोहल्लों से भी उपद्रवी आए थे। उन्नाव के शुक्लागंज निवासी एक पत्थरबाज को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

कानपुर हिंसा से संबंधित पोस्टर छापने के मामले में प्रिंटिंग प्रेस के मालिक शंकर को पुलिस ने हिरासत में लिया है। प्रिटिंग प्रेस के मालिक ने बताया कि हयात जफर हाशमी जो कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड है, उनके पास 20 पोस्टर के प्रिंट लेने आया था। उन्होंने बताया कि हयात जफर उनके पास 1 जून की रात को आया था। उसने कहा कि 20 पोस्टर निकाल दीजिए। उन पोस्टरों पर बंदी का कुछ मैसेज था। उन्होंने कहा कि रात का वक्त था, हम भी घर निकल रहे थे तो तुरंत छाप कर दे दिया। ज्यादा ध्यान मैंने भी नहीं दिया। पोस्टर छापने के मुझको 200 रुपये दिए थे। शंकर ने बताया कि इससे पहले भी एक बार जफर हयात विजटिंग कार्ड छपवाने आए था, वो अपना मैटर पेन ड्राइव में लाते था और छपवाकर चला जाता था। इस बार दोबारा भी वो अपना मैटर पेनड्राइव में लाए थे और छपवाकर चले गए। हयात 1 जून को रात में साढ़े 9 बजे आए थे। 5-7 मिनट में पोस्टर छपवाकर लेकर चले गए। उन्होंने कहा कि पुलिस ने मुझे सोमवार( 6 जून, 2022) से हिरासत में ले रखा है।

पूरे मामले पर कानपुर डीएम नेहा शर्मा ने बताया कि ये जो हालात हुए उस पर पुलिस-प्रशासन ने अच्छी कार्रवाई की है। वहां पहुंचकर जो मौजूदा स्थितियां थीं उन पर कंट्रोल किया। अब स्थितियां सामान्य हैं। पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई लगातार जारी है। 50 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है। वीडियो फुटेज और फोटोज के माध्यम से लोगों की पहचान की जा रही है। इसी को लेकर पुलिस ने पहचान चार्ट बनवाया था, जिसको सोमवार ( 6 जून, 2022) को जारी किया गया था। उसमें भी कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि जो लोग हिंसा में शामिल हैं, उनको अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। पोस्टर लगने से कुछ लोगों ने सरेंडर भी किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि आरोपी वक्त रहते सरेंडर कर दें।