उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक बर्खास्त कॉन्स्टेबल को जुमे की नमाज के बाद समुदाय विशेष के लोगों को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कानपुर में अधिकारियों ने बताया कि 47 साल के एक बर्खास्त पुलिस कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार किया गया है। उस पर जुमे की नमाज के बाद भड़काऊ ऑडियो संदेश फैलाकर समुदाय के लोगों को सरकार और प्रशासन के खिलाफ भड़काने का आरोप है।

पुलिस के अनुसार, आरोपी ज़ुबैर अहमद खान उर्फ ​​ज़ुबैर गाज़ी ने शहर में अशांति फैलाने के इरादे से यह ऑडियो संदेश फैलाया। सब-इंस्पेक्टर राज मोहन मिश्रा की शिकायत पर रेल बाजार थाने में ज़ुबैर और 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ “गैर-कानूनी जमावड़ा और दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाने” के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई। रेल बाजार थाने के प्रभारी ने बताया कि सुजातगंज के चंदारी निवासी ज़ुबैर को 2015 में पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। FIR दर्ज होने के बाद उसे रविवार को अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

पुलिस ने कहा भीड़ में एकट्ठा हुए लोगों के खिलाफ होगा एक्शन

रेल अधिकारी ने आगे कहा कि ऑडियो मैसेज फैलने के बाद जो लोग जमा हुए थे, उनकी पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के अनुसार, शुक्रवार की नमाज के तुरंत बाद जब लोग मस्जिद में नमाज पढ़कर अपने घरों की ओर लौट रहे थे, तब ज़ुबैर ने कथित तौर पर दंगे भड़काने के इरादे से यह ऑडियो मैसेज फैलाया। उन्होंने बताया कि ऑडियो मैसेज फैलने के बाद मदार होटल क्रॉसिंग के पास लगभग 20-25 लोग जमा हो गए। पुलिस की एक टीम तुरंत मौके पर पहुंची और भीड़ को शांत करने की कोशिश की। बाद में भीड़ तितर-बितर हो गई और लोग अपने घरों को लौट गए।

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एक पुलिस अधिकारी ने कहा, बरेली की घटना की तरह, यहां भी नमाज के बाद माहौल खराब करने की कोशिश की गई। हालांकि, पुलिस के तुरंत हस्तक्षेप से स्थिति नियंत्रण में आ गई।” पुलिस उपायुक्त (पूर्व) सत्यजीत गुप्ता ने कहा, “पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और लाउडस्पीकर से लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। ​​स्थिति बिगड़ने से पहले ही भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया। अगर समय पर कार्रवाई नहीं की जाती तो स्थिति और खराब हो सकती थी।” संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) आशुतोष कुमार ने कहा कि पूरे जिले में पुलिस हाई अलर्ट पर है, “टीमें ग्राउंड पर और सोशल मीडिया पर स्थिति पर नजर रख रही हैं। संवेदनशील इलाकों में लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) के लोग सक्रिय हैं।”