उत्तर प्रदेश के कानपुर में भड़की हिंसा के एक हफ्ते बाद कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) ने व्यवसायी मोहम्मद इश्तियाक के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला दिया है। प्राधिकरण ने शनिवार को मोहम्मद इश्तियाक की ऊंची बिल्डिंग को तोड़ दिया। कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी के करीबी की अवैध बिल्डिंग को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया।
भारी संख्या में सुरक्षाबलों की मौजूदगी में प्रशासन ने यह कार्रवाई मोतीझील से बेनाझाबर रोड पर की। आरोप है कि बिना नक्शा पास कराए ही मोहम्मद इश्तियाक ने बिल्डिंग खड़ी की थी, जिसपर कानपुर विकास प्राधिकरण ने बुलडोजर चला दिया है। बताया जा रहा है कि रेसिडेंसियल के नाम पर बनी बिल्डिंग का कमर्शियल के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था।
कानपुर विकास प्राधिकरण के सेक्रेटरी ने इस कार्रवाई को लेकर कहा कि भू-माफियाओं के खिलाफ केडीए लगातार कार्रवाई कर रहा है और यह कार्रवाई भी इसी क्रम में की जा रही है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी ऐसे अवैध निर्माण और भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों के मुताबिक, 2021 में बिल्डिंग को सील कर दिया गया था और ध्वस्तीकरण के आदेश भी दिए गए थे। लेकिन इसके बाद भी निर्माण कार्य जारी रखा गया। शनिवार को अवैध बिल्डिंग को गिराते समय सुरक्षा में प्राधिकरण के अधिकारी, पुलिस और RAF मौके पर मौजूद थी।
पिछले हफ्ते, नुपूर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के विरोध में जुमे की नमाज के बाद कानपुर में माहौल बिगड़ गया था। नमाज के बाद बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए थे और पथराव किया था। इस दौरान शहर में उपद्रवियों ने जमकर बवाल काटा था। वहीं, कानपुर में हिंसा के बाद सीएम योगी ने सख्त तेवर दिखाए थे और अधिकारियों को माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
सीएम योगी के आदेश के बाद हिंसा के लिए जिम्मेदार आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। आरोपियों की संपत्ति जब्त या ध्वस्त की जाएगी।