कानपुर में सरकारी कर्मचारियों के साथ बीजेपी पार्षद और उनके समर्थकों की गुंडागर्दी का मामला सामने आने के बाद पार्टी की स्थानीय ईकाई ने इस संबंध में जांच के आदेश दिए हैं। कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र के बीजेपी अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह ने पोखरपुर चकेरी में ओमपुरवा के बीजेपी पार्षद को लेकर सरकारी कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार की जानकारी मिलने के बाद दो सदस्यीय जांच दल गठित किया है। क्षेत्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर बीना आर्या और क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी मोहित पांडेय को इस मामले में आंतरिक जांच कर तीन दिन के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सीवर जलभराव का निरीक्षण करने पहुंचे जलसंस्थान के इंजीनियर को पार्षद ने अपने समर्थकों के साथ घेर लिया और उनके साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी। इसके बाद उन्हें कॉलर पकड़कर घसीटते हुए सीवर के पानी के बीच में खड़ा कर दिया। बीजेपी दक्षिण जिलाध्यक्ष अनीता गुप्ता ने किसी तरह से उन्हें पार्षद के चंगुल से छुड़ाया।
बता दें कि चकेरी के ओमपुरवा में बीते आठ माह से सीवर भराव की समस्या बनी हुई है। बारिश की वजह से समस्या और भी विकराल हो गई है। शनिवार (27 जुलाई) को बीजेपी दक्षिण जिलाध्यक्ष अनीता गुप्ता, क्षेत्रीय पार्षद शरद मिश्रा और स्थानीय नेताओं और नमामि गंगे परियोजना के अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया जा रहा था।
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जलसंस्थान के इंजीनियर अरूणेंद्र सिंह, जोनल अफसर अरूण चौधरी और एसके सिंह जनता की समस्या को सुन रहे थे। इसी बीच अरूणेंद्र सिंह ने जनता से कहा कि बारिश का पानी नहीं निकल पा रहा है इसके जिम्मेदार आप लोग हैं। मकान निर्माण के दौरान आप लोगों ने नालियों को भी नहीं छोड़ा है। इस बात पर स्थानीय लोग अरूणेंद्र सिंह पर भड़क गए। इसी बीच पार्षद शरद मिश्रा और उनके साथियों ने अरूणेंद्र सिंह और एसके सिंह पर हमला बोल दिया।
अरूणेंद्र सिंह ने कहा, ‘मैं तो वहां पर बीजेपी दक्षिण जिलाध्यक्ष अनीता गुप्ता और नगर कमिश्नर के कहने पर गया था। पार्षद ने प्रायोजित तरीके से पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया है। उस क्षेत्र की समस्या को दूर करने के लिए मैं खुद तेजी के काम करवा रहा था। मेरे साथ मारपीट, धक्का- मुक्की के साथ गाली-गलौज भी की गई। बीजेपी जिलाध्यक्ष अनीता गुप्ता के मुताबिक ओमपुरवा में सदस्यता शिविर का आयोजन होना था। उन्होंने कहा, ‘जलभराव को देखते हुए मैंने नगर आयुक्त को फोन किया था। उन्होंने अधिकारियों की टीम को भेजा था। लेकिन बीच में यह विवाद खड़ा हो गया। किसी अधिकारी के साथ इस तरह का बर्ताव होना गलत है।’
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