ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के नेता कन्हैया कुमार ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर संप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया। कन्हैया कुमार ने देश के संविधान और लोकतंत्र के विरुद्ध काम करने वालों के खिलाफ लड़ने की शपथ ली। उन्होंने कोलकाता में आयोजित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के स्थापना दिवस पर कहा, “यह सच है कि मोदी लोकतंत्र का विनाश कर रहे हैं और लोकतांत्रिक संस्थानों को बदनाम कर रहे हैं। लेकिन यह भी सच है कि दिल्ली में बैठकर मोदी जो देश में कर रहे हैं वही कोलकाता में बैठकर दीदी (ममता) कर रही हैं।” उन्होंने दावे के साथ कहा, “भारत को फिर बांटने की साजिश है। हमारा मुख्य मकसद लोकतंत्र की रक्षा होना चाहिए। अगर कोई स्वेच्छाचारी शासन स्थापित करना चाहता है और लोकतंत्र को नष्ट करना चाहता है तो हम मोदी और दीदी के साथ एक ही तरीके से लड़ेंगे।”
बंगाल को बहु-सांस्कृतिक प्रदेश बताते हुए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व प्रेसिडेंट ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतें हमेशा बंगाल के सामाजिक ताना-बाना को नष्ट करके अपनी विभाजनकारी राजनीति का ब्रांड बनाना चाहती हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कन्हैया ने स्थापना दिवस के अवसर पर लोगों का ध्यान इस ओर आकर्षित करने की कोशिश की, कि क्यों एक ओर ममता मुस्लिमों के हितों का संरक्षण कर रहीं हैं और दूसरी ओर मोदी हिन्दुओं के संरक्षण में जुटें हैं। उन्होंने कहा कि देश को ना तो मुसलमानों से खतरा है, ना ही हिन्दुओं से। बल्कि वर्तमान समय में देश को असली खतरा तो, मानव, मानवता और संविधान से है। उन्होंने यह भी कहा की युवा वर्ग को नौकरी चाहिए न कि धर्म। प्रतिवर्ष देश में करीब पांच लाख छात्र इंजीनियरिंग कि परीक्षा में पास होते हैं जिनमें से कुल एक लाख को ही नौकरियां प्राप्त होती हैं।
बता दें कि इस दिवस पर कन्हैया कुमार संग दलित नेता जिग्नेश मेवाणी भी मौजूद थे। उन्होंने भी भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए इसे फासीवादी शक्ति करार दिया और वर्तमान सत्ता को उखाड़ फेंकने की बात कही। गुजरात के विधायक जिग्नेश ने कहा कि समाजवादी, गांधीवादी, वाम दल और दलित समेत अगर भगवा दल विरोधी सभी ताकतें एकजुट होकर चट्टानी गठबंधन बनाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजनीतिक कॅरियर हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगा। (आईएएनएस इनपुट्स के साथ)