मध्य प्रदेश में सरकार द्वारा स्थापित किए जा रहे चिकन-मिल्क पार्लर पर बवाल तेज हो गया है। बीजेपी ने कमल नाथ सरकार पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया है। राज्य सरकार ने स्टेट लाइव स्टोक एंड पोल्ट्री डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के तहत एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने कहा कि चिकन और गाय का दूध एक ही छत के नीचे बेचकर सरकार हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है।
कड़कनाथ की डिमांड बहुत ज्यादाः प्राप्त जानकारी के मुताबिक इन कियोस्क सेंटर्स पर कड़कनाथ चिकन 900 रुपए किलो में खरीदा जा सकता है। कड़कनाथ मध्य प्रदेश के जनजातीय बाहुल्य इलाकों जैसे झाबुआ, अलीराजपुर आदि में पाया जाता है। अपने स्वाद, हाई प्रोटीन सोर्स और लो-कोलेस्ट्रॉल के चलते इसकी खासी डिमांड होती है। इसका मेडिकल साइंस में भी खासा उपयोग किया जाता है।
दुकानदार बोले बीजेपी का प्रदर्शन दुर्भाग्यपूर्णः दुकानदारों का कहना है कि दोनों के कियोस्क एक-दूसरे के पास-पास हैं, ऐसे में बीजेपी का विरोध प्रदर्शन दुर्भाग्यपूर्ण है। मीडिया से बातचीत में एक दुकानदार ने कहा, ‘हमें कभी ग्राहकों की तरफ से आपत्ति नहीं मिली चिकन व्यवस्थित पैकिंग में आता है। हम करीब दो महीने से यह बेच रहे हैं। कड़कनाथ के साथ-साथ हम बॉइलर और अन्य वैरायटी भी बेचते हैं। चिकन और दूध बेचने वाले लोग भी अलग-अलग हैं।’
मंत्री ने दिया बयानः राज्य के पशुपालन मंत्री लखन यादव ने कहा कि इस प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग का मकसद आदिवासियों को कड़कनाथ का अच्छा दाम दिलाना है। उन्होंने कहा कि चिकन और दूध दोनों अलग-अलग आउटलेट्स में बेचे जा रहे हैं। कॉर्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर एचबीएस भदौरिया ने कहा कि चिकन पार्लर स्थापित करने का मुख्य मकसद महिला स्वसहायता समूहों की मदद करना है। इस तरह के और पार्लर (कियोस्क) स्थापित करने की योजना है।
बीजेपी ने तेज किया विरोधः बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने कहा, ‘हम भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले उत्पाद की इस तरह से बिक्री की अनुमति नहीं दे सकते। दो अलग-अलग कियोस्क की बात सिर्फ छलावा है। अंदर से दोनों एक ही हैं। गाय और गाय का दूध हमारे लिए आस्था का विषय है। हम मंत्री से मुलाकात कर इस तरह के कियोस्क में चिकन पार्लर और मिल्क पार्लर में थोड़ी दूरी रखने की मांग करेंगे।’