कांग्रेस ने पार्टी प्रमुख राहुल गांधी की वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ घंटों तक चली कई दौर की बातचीत के बाद गुरुवार रात मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के लिए वरिष्ठ नेता कमलनाथ के नाम की घोषणा की। हालांकि राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों के लिए घमासान जारी है। कमलनाथ (72) गुरुवार देर रात भोपाल पहुंचे जहां हवाईअड्डे पर उनके समर्थकों ने ‘जय जय कमलनाथ’ के नारे से उनका स्वागत किया। वहां से वे विधायक दल के नेता के चयन के वास्ते नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक के लिए सीधे पार्टी कार्यालय गए। कांग्रेस की अगुआई वाली पिछली सरकारों में केंद्रीय मंत्री रहे कमलनाथ मध्य प्रदेश में कांग्रेस द्वारा सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ जीत दर्ज करने के समय से ही मुख्यमंत्री पद के शीर्ष दावेदार थे।

राज्य में पिछले 15 साल से भाजपा सत्ता में थी। पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे। कांग्रेस ने ट्वीट किया, ‘कमलनाथ के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री निर्वाचित होने पर उन्हें हमारी शुभकामनाएं। उनकी कमान में राज्य में एक नए युग का सूत्रपात होने जा रहा है।’ कमलनाथ ने कहा कि वे वादा करते हैं कि चुनाव के दौरान किए गए सभी वादों को पूरा किया जाएगा। एक नई शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि वे गुरुवार सुबह साढ़े दस बजे राज्यपाल से मुलाकात करेंगे।

इससे पहले बैठकों के कई दौर चले, जिसमें सोनिया-राहुल और प्रियंका गांधी ने भाग लिया। मुख्यमंत्रियों के चयन के सवाल पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा कि आप जल्द ही मुख्यमंत्रियों को देखेंगे। हम विधायकों, पार्टी कार्यकर्ताओं और अन्य की राय ले रहे हैं। पर्यवेक्षकों ने बुधवार को जयपुर और भोपाल में पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों से चर्चा की थी और उनकी राय ली थी। पिछले 24 घंटे में तीनों राज्यों में 7.3 लाख पार्टी कार्यकर्ताओं को राहुल गांधी की ओर से एक आॅडियो संदेश भेजा गया, जिसमें उनसे मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी राय पूछी गई। आॅडियो संदेश में उन्होंने तीन मुख्य राज्यों में विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के लिए नेताओं को बधाई दी और सवाल पूछा कि किसे मुख्यमंत्री बनना चाहिए? उन्होंने कहा, कृपया एक नाम बताएं। आप जो नाम बताएंगे उसके बारे में केवल मुझे ही पता होगा। पार्टी में किसी को भी यह पता नहीं चलेगा। 15 दिसंबर के बाद से हिंदू धार्मिक पंचांग के अनुसार मलमास शुरू हो जाएगा। उससे पहले तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण की तैयारी है।

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद उनके आवास से बाहर निकले पार्टी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कोई दौड़ नहीं है। कुर्सी की कोई बात नहीं है। हम मध्य प्रदेश की जनता की सेवा के लिए हैं। इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कमलनाथ और सिंधिया से मुलाकात की। इसके बाद दोनों नेताओं के साथ तस्वीर शेयर कर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘धैर्य और समय दो सबसे शक्तिशाली योद्धा’ होते हैं। गांधी ने मध्य प्रदेश के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए एके एंटनी और प्रभारी दीपक बाबरिया के साथ बैठक की।

दो सूबों के मुख्यमंत्रियों पर आज कर सकते हैं राहुल फैसला
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों पर फैसला शुक्रवार के लिए टाल दिया है। वे इस विषय पर पार्टी नेताओं से और चर्चा करना चाहते हैं। कांग्रेस सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि गांधी ने छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री पर फैसला करने के लिए प्रदेश के पार्टी नेताओं से चर्चा की। लेकिन दावेदारों से और चर्चा करने के लिए फैसला शुक्रवार के लिए टाल दिया। कांग्रेस अध्यक्ष ने राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के दावेदारों अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ कई बैठकें कीं, लेकिन उनके बीच कोई सहमति नहीं बन पाई। पायलट ने इस शीर्ष पद के लिए दावा किया। गांधी के निवास के बाहर पायलट के समर्थकों ने उनके समर्थन में नारे भी लगाए। राजस्थान में गहलोत और पायलट समर्थकों के बीच नारेबाजी हुई। बाद में दोनों नेताओं ने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की। छत्तीसगढ़ को लेकर राहुल गांधी ने गुरुवार देर शाम पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठक की। खरगे ने कहा कि अंतिम निर्णय पर पहुंचने से पहले शुक्रवार को प्रदेश नेताओं के साथ बैठक होगी।

राजस्थान के लिए राहुल ने पर्यवेक्षक बनाए गए केसी वेणुगोपाल के साथ बैठक की। इस दौरान राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे और मध्य प्रदेश के पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया भी मौजूद थे। बाद में गांधी ने राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल अशोक गहलोत औेर सचिन पायलट से अलग-अलग मुलाकात की। पायलट जिस वक्त कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात कर रहे थे, तब बाहर उनके समर्थन में नारेबाजी भी हो रही थी।

पर्यवेक्षकों ने बुधवार को जयपुर में नव निर्वाचित विधायकों से चर्चा की थी और उनकी राय ली थी। इस बीच सचिन पायलट और अशोक गहलोत के समर्थक आमने-सामने आ गए हैं। जयपुर-आगरा हाइवे पर सचिन पायलट के समर्थकों ने उनको मुख्यमंत्री घोषित करने की मांग करते हुए जाम लगा दिया। जयपुर बाकी पेज 8 पर से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस दफ्तर के बाहर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के समर्थक जुटे हुए हैं। सचिन पायलट के समर्थकों ने करौली में रोड जाम कर आगजनी की है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के दो बड़े नेताओं-भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के समर्थक शक्ति प्रदर्शन में लगे हुए हैं। यहां दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच झड़प होने की भी खबर है।