लीना मणिमेकलई की डॉक्यूमेंट्री ‘काली’ के पोस्टर पर छिड़े विवाद के बीच तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ भी देवी के बारे में अपनी टिप्पणियों से धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में FIR दर्ज की गई है। इस मामले में महुआ मोइत्रा ने एक बार फिर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा बंगालियों को काली पूजा न सिखाए। वह खुद को हिंदू देवताओं की संरक्षक भी न समझे।

दरअसल, टीएमसी सांसद ने मां काली को लेकर विवादित टिप्पणियां की थीं। महुआ मोइत्रा ने कहा था, “ये आपके ऊपर है कि आप मां काली को किस रूप में लेते हैं। मेरे लिए तो मां काली मांसाहारी और शराब पीने वाली देवी हैं। मुझे इस फिल्म के पोस्टर से कोई आपत्ति नहीं है।” इसके बाद उनके खिलाफ कई राज्यों में केस दर्ज किए गए हैं। भाजपा मोइत्रा की गिरफ्तारी की मांग कर रही है।

टीएमसी सांसद ने शुक्रवार (8 जुलाई) को कहा कि बीजेपी बंगाल के लोगों को यह न सिखाए कि काली पूजा कैसे होती है। भाजपा हिदू देवताओं की संरक्षक न बने। महुआ ने कहा कि भाजपा उत्तर भारत में देवी-देवताओं की पूजा के तरीकों के आधार पर देश के दूसरे हिस्सों के उन लोगों पर अपने विचार नहीं थोप सकती, जिनकी सालों से अलग-अलग परंपराएं हैं।

परिपक्व नेता के रूप में रखी अपनी बात: सांसद ने गुरुवार रात एक बंगाली न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखकर एक परिपक्व नेता की तरह काम किया है। उनका कहना है कि भाजपा के हिंदुत्व के एजेंडे को थोपने और दूसरे समूहों पर अपने विचारों को थोपने की कोशिश का एक साथ विरोध किया जाना चाहिए। महुआ ने कहा कि न तो भगवान राम और न ही भगवान हनुमान केवल भाजपा के हैं। क्या पार्टी ने हिंदू धर्म का पट्टा लिया है? उन्होंने कहा कि काली भक्त होने के नाते, मुझे पता है कि काली की पूजा कैसे करनी है। हम पिछले दो हजार सालों से देवी की पूजा कर रहे हैं।

सांसद ने उनके खिलाफ केस दर्ज करने वाली भाजपा सरकारों को चुनौती देते हुए कहा कि वो देवी काली को चढ़ाए जाने वाले प्रसादों को लेकर अदालतों में हलफनामा दायर करें। उन्होंने सवाल किया कि क्या असम के सीएम कोर्ट में लिखित में दे सकते हैं कि कामाख्या देवी को क्या प्रसाद चढ़ाया जाता है? अन्य भाजपा शासित राज्यों की सरकारें भी कोर्ट में ऐसा ही हलफनामा दे सकती हैं कि उनके राज्यों में देवी को प्रसाद के रूप में क्या चढ़ाया जाता है?