पश्चिमी यूपी के कबाड़ बाजार में कबाड़ी का काम करने वाले लोग आज कपड़े बेच रहे हैं। क्यों बेच रहे हैं? क्योंकि यूपी प्रशासन ने कबाड़ का काम बंद करवा दिया है। पुलिस कबाड़ का काम करने नहीं दे रही है। अब सवाल उठता है क्यों नहीं करने दे रही है तो जवाब है कि पश्चिमी यूपी के कबाड़ी बाजार में दिल्ली-एनसीआर से चोरी होने वाली गाडि़यों का एक-एक पार्ट रातों रात निकालकर बेच दिया जाता था। ये काम बरसों से चल रहा था, लेकिन योगी सरकार ने अब चोरी के कारोबार को बंद करवा दिया है। टाइम्स नाउ नवभारत के एंकर सुशांत सिन्हा कहते हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने वो काम कर दिखाया जो कोई और नहीं कर सका।
दुकानों के बाहर लगे हैं बोर्ड- मैं चोरी का सामान नहीं बेचता
पश्चिमी यूपी में अब जो लोग कबाड़ का काम कर भी रहे हैं उन्होंने अपनी दुकान के बाहर एक बोर्ड लगा रखा है। बोर्ड पर लिखा है, ‘मैं पुराना कबाड़ का व्यापार करता हूं। मैंने न तो चोरी का सामान खरीदा है और न ही बेचा है और न ही मैं चोरी का सामान खरीदूंगा और न ही बेचूंगा। अगर मेरी मार्केट कोई चोरी का काम करेगा तो उसकी सूचना मैं उच्च अधिकारी को दूंगा।’ पत्रकार सुशांत ने अपने यू-ट्यूब चैनल ऐसा ही एक बोर्ड दिखाया भी है। सुशांत सिन्हा अपने निजी यू-ट्यूब चैनल एक वीडियो क्लिप भी दिखाई, जिसमें कबाड़ का काम करने वाले लोगों से बातचीत की जा रही है। इस बातचीत में सोहेल नाम एक युवक ने बताया कि पुलिसवालों ने कबाड़ का काम चेंज करवा दिया।
कबाड़ के काम को कोई हाथ लगाने को नहीं तैयार
सोहेल कहता है कि अब वो कबाड़ का काम नहीं करेगा बल्कि कपड़े का ही काम करेगा। वीडियो क्लिप में हाजी आस मोहम्मद से भी बातचीत दिखाई गई। उन्होंने कहा कि पहले हमारा कबाड़ का काम था, लेकिन वो बंद है अब हम जूते का काम कर रहे हैं और इसी काम को अब करेंगे। वीडियो क्लिप में एक और युवक से बातचीत दिखाई गई है। वह कहता है कि पहले हमारा टायरों का काम था, हम पुराने टायर बेचते थे। वो इन्होंने बंद करवा दिया। अब हम कपड़े का काम करते हैं। वो गलत थे जो बंद हो गए, वो सही भी है, मगर अब हम क्या करें। अब ये जो कपड़े का काम किया है इससे कोई कमाई नहीं है। अब हम बच्चों की फीस दें, क्या करें।
सीएम योगी ने रातों-रात बंद करवा दिया कबाड़ का बाजार
सुशांत सिन्हा कहते हैं कि वहां ये काम हो रहा था, पुराने टायर, पुराने इंजन, सब खुलेआम बिक रहे थे। चोरी की गाडि़यों का पुर्जा-पुर्जा खुल जाता था वहां। सब ये जानते थे लेकिन कोई कार्रवाई नहीं करता था। योगी आदित्यनाथ रातों-रात इस काम को बंद करवा दिया। सुशांत सिन्हा के इन विचारों पर बहुत सारे यूजर्स के कॉमेंट भी आए हैं। अमर रस्तोगी नाम के यूजर ने लिखा, ‘कोई इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं कि वहां सिर्फ और सिर्फ चोरी का सामान मिला था।’ वहीं, ललित गौर नाम के यूजर ने लिखा, ‘मोदी जी और योगी जी अच्छा काम कर रहे हो’।
इकबाल कबाड़ी और हाजी गल्ला पर लगे गैंगस्टर एक्ट
सुपर कमांडो ध्रुव नाम के यूजर ने लिखा, ‘हाजी निकला पाजी।’ दरअसल, पश्चिमी यूपी के कबाड़ बाजार पर हाजी गल्ला और इकबाल कबाड़ी जैसे कबाड़ माफिया का कब्जा था। इन पर गैंगस्टर के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। साथ ही करोड़ों की संपत्ति भी कुर्क की गई है। हिंदुस्तान अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, मेरठ के सोतीगंज के कई कबाड़ी तो जेल जाने के डर से यूपी ही छोड़कर भाग गए हैं।
ऑन डिमांड होने लगी थीं वाहनों की चोरियां
मेरठ के सोतीगंज के कबाड़ बाजार का हाल ये हो गया था कि इनकी वजह से ऑन डिमांड चोरियां होने लगी थीं। मतलब कबाड़ मार्केट से रिक्वायरमेंट जाती थी कि ये पार्ट चाहिए और वही चोरी होकर यहां पहुंच जाता था। सोतीगंज में यूपी, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और उत्तराखंड से चोरी कर वाहन लाए जाते थे और खुलेआम पुर्जा-पुर्जा कर दिए जाते थे।
संसद में भी उठ चुका है सोतीगंज कबाड़ बाजार का मामला
मेरठ से सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने 2016 और 2018 में यह मामला संसद में भी उठाया था. अब यहां जूते-कपड़े बिकते हैं, लेकिन कबाड़ बेचने की कोई हिम्मत नहीं कर रहा है।
सोतीगंज में कबाड़ियों की करोड़ों की संपत्ति जब्त
आपको जानकर हैरानी होगी कि सोतीगंज में कबाड़ का काम करने वालों की 65 करोड़ की संपत्ति अब तक कुर्क हो चुकी है। अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले हाजी गल्ला की ही 35 करोड़ की कोठियां-गोदाम और अन्य संपत्ति की कुर्की हो चुकी है। हाजी गल्ला की पंजाब में करीब 100 करोड़ की संपत्ति चिह्नित की है, जिसके दस्तावेज भी पुलिस ने जुटा लिए हैं।