Joshimath Land Subsidence: जोशीमठ में बारिश और बर्फबारी के बाद दरार पड़े मकानों और जमीन की दरारें और चौड़ी होनी शुरू हो गई हैं। दरार बढ़ने से मकानों के गिरने का खतरा और अधिक बढ़ गया है। इस सबके बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच (SJM) ने शनिवार को सरकार से हिमालयी क्षेत्र को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र (Eco Sensitive) घोषित करने का आह्वान किया।

SJM ने बेलगाम निर्माण कार्यों को बताया जमीन धंसने की वजह

SJM ने कहा कि भारत के इतिहास, समृद्ध संस्कृति और विरासत के कुछ हिस्से ढहने के कगार पर हैं। एसजेएम ने उत्तराखंड में चार धाम राजमार्ग परियोजना और एनटीपीसी सुरंग को भी जोशीमठ में भूमि धंसने के कारणों के रूप में बताया है। मंच ने मांग की है कि चार धाम सड़क चौड़ीकरण परियोजना को एक निश्चित चौड़ाई तक सीमित किया जाना चाहिए और सरकार को चार धाम रेल परियोजना पर पुनर्विचार करना चाहिए।

एसजेएम द्वारा जोशीमठ में भू-धंसाव पर चर्चा के लिए आयोजित एक गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करते हुए एसजेएम के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि सरकारों ने हमेशा स्थिरता की कीमत पर विकास का समर्थन किया है।

हिमालयी क्षेत्र को Eco Sensitive घोषित करने का आह्वान

अश्विनी महाजन ने कहा, “विकास की दौड़ में, हम स्थिरता के बारे में भूल रहे हैं और अगर हिमालय में क्षमता नहीं है तो विकास जारी नहीं रह सकता. जहां तक ​​​​इस मुद्दे का संबंध है, कोई भी पार्टी सत्ता में आती है वह उसी तरह का व्यवहार करती है. राजनीतिक दल एक-दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं लेकिन जहां तक ​​विकास का सवाल है वे ऐसा ही सोचते हैं।”

NTPC सुरंग परियोजना ने बनाया Joshimath को अस्थिर

एसजेएम के रिजोल्यूशन के मुताबिक, “इस नाजुक इलाके में अनियंत्रित निर्माण कार्य जोशीमठ के ढहने और हाल की आपदाओं का कारण है। जिस तरह से जोशीमठ की तलहटी में बिना उचित जल विज्ञान अध्ययन के चार धाम सड़क के निर्माण के लिए पहाड़ को काट दिया गया, साथ ही पहाड़ के बीच में एनटीपीसी सुरंग जलविद्युत परियोजना के लिए इस नाजुक इलाके को नष्ट कर दिया। बहुमंजिला होटलों और भवनों के अनियोजित निर्माण, अपर्याप्त स्वच्छता ने जोशीमठ को और अस्थिर बना दिया।”

गोलमेज सम्मेलन में चार धाम राजमार्ग चौड़ा करने की परियोजना की समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति के सदस्य हेमंत ध्यानी ने कहा कि सरकार के बेलगाम निर्माण कार्यों ने राज्य को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है।