Madhya Pradesh News: ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक साहब सिंह गुर्जर ने पार्टी के न्याय सत्याग्रह विरोध प्रदर्शन में विवादित टिप्पणी की है। इसके बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में सियासी बवाल खड़ा हो गया है। विधायक ने कहा, ‘साथियों, जो मर्द थे वो जंग में आए और जो… थे वो संघ में आए। जब- जब जुल्मी जुल्म करेगा सत्ता के गलियारों से और चप्पा-चप्पा गूंज उठेगा इंकलाब के नारों से।’ उनका यह बयान सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है। सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने कांग्रेस विधायक से माफी की मांग की है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के सहकारिता मंत्री और बीजेपी नेता विश्वास सारंग ने गुर्जर द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा की निंदा करते हुए इसे असंवैधानिक और अपमानजनक बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि गुर्जर ने कमलनाथ, अरुण यादव और अजय सिंह जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का अपमान किया है और ‘हिजड़ा’ शब्द का इस्तेमाल करके उन्हें और अपमानित किया है। सांरग ने कहा, ‘यह सिर्फ गुटबाजी नहीं है। यह कांग्रेस पार्टी की बढ़ती आंतरिक अराजकता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति अनादर का प्रतिबिंब है।’ बीजेपी ने आधिकारिक माफी की मांग की है, जबकि कांग्रेस की तरफ से कोई भी औपचारिक बयान सामने नहीं आया है।
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क्या था पूरा मामला?
अब पूरे मामले की बात करें तो मध्य प्रदेश कांग्रेस ने जीतू पटवारी के खिलाफ दर्ज एफआईआर के विरोध में न्याय सत्याग्रह विरोध प्रदर्शन आयोजित किया था। उन पर एक स्थानीय शख्स गजराज लोधी पर झूठी पुलिस शिकायत दर्ज कराने के लिए दबाव डालने का आरोप है। लोधी ने पहले आरोप लगाया था कि एक बीजेपी कार्यकर्ता ने उनके साथ मारपीट की। हालांकि, बाद में उन्होंने अपना बयान बदल दिया और दावा किया कि पटवारी ने उन पर यह आरोप लगाने के लिए दबाव डाला था। लोधी के बयान के आधार पर पुलिस ने पटवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
इस विरोध प्रदर्शन में दिग्विजय सिंह, उमंग सिंघार, जयवर्धन सिंह और जीतू पटवारी समेत कई प्रमुख कांग्रेस नेता मौजूद थे। सिंह ने चेतावनी दी थी कि अगर 7 जुलाई तक एफआईआर वापस नहीं ली गई, तो कांग्रेस नेता 8 जुलाई को मुंगावली थाने में सामूहिक सरेंडर करेंगे। इस कार्यक्रम में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था और कांग्रेस विधायकों के काफिले को रास्ते में रोका गया और उनकी तलाशी ली गई। जल संरक्षण का जन आंदोलन बना जल गंगा संवर्धन अभियान