अखिल भारतीय छात्र संगठन (आइसा) ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन पर छात्रों की ‘आवाजाही की स्वतंत्रता’ को सीमित करने का आरोप लगाया है। आइसा के अनुसार, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज ने गेट शाम छह बजे तक बंद करने का फैसला लेकर वह छात्रों की आजादी को छिनने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, प्रशासन ने कहा कि यह कदम छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और बाहरी लोगों के इमारत में प्रवेश को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है। बता दें कि आइसा वाम दलों का ही एक भाग है और इसके तरफ से मंगलवार (22 अक्टूबर) को यह आरोप सामने आया है।

नोटिस को नोटिस भेजकर गेट बंद करने की दी जानकारीः आइसा ने दावा किया कि जेएनयू प्रशासन ने मंगलवार सुबह स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज (एसआईएस) के छात्रों को नोटिस भेजकर गेट बंद होने के समय के बारे में जानकारी दी है। नोटिस के अनुसार, एसआईएस-1 का मुख्य द्वार शाम छह बजे बंद कर दिया जाएगा।

Hindi News Today, 23 October 2019 LIVE Updates

 शाम 5:30 बजे बंद हो जाएगा कॉमन रुमः मामले में छात्र संगठन ने कहा कि एसआईएस-1 और एसआईएस-2 की इमारतों को जोड़ने वाला गेट केवल शाम छह बजे से रात नौ बजे तक खोला जाएगा, ताकि छात्र पहचान पत्रों की जांच के बाद अध्ययन कक्ष में प्रवेश ले सकें। इसी तरह कई छात्रों द्वारा पढ़ने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कॉमन रुम को शाम 5:30 बजे बंद कर दिया जाएगा।

4 प्रवेश द्वार होने से निगरानी करना मुश्किल- एसआईएस डीनः आइसा ने डीयू के वाइस चांसलर पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘वह हमें पढ़ने के लिए उचित ढांचा उपलब्ध कराने में असफल रहे हैं। और छात्र समुदाय पढ़ाई के लिए अब भी जिन स्थानों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन तक भी पहुंच को अब मुश्किल बनाया जा रहा है। एसआईएस के डीन, प्रोफेसर अश्विनी कुमार महापात्रा ने कहा कि इमारत में चार प्रवेश द्वार होने से सभी छात्रों के प्रवेश पर निगरानी रखना मुश्किल है।’

छात्रों की सुरक्षा के लिए उठाया कदमः मामले में अश्विनी कुमार महापात्रा ने बताया, ‘पिछले रविवार को एक बाहरी आदमी और एक महिला इमारत में दाखिल हो गए थे।’ उन्होंने कहा, ‘अगर छात्र आकर पढ़ाई करना चाहते हैं तो उनके पहचान पत्र की जांच की जाएगी। यह कदम छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने तथा बाहरी लोगों के प्रवेश को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है।’