JNU: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के रेक्टर अजय कुमार दुबे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और कुछ टीचर्स ने पिछले कुछ दिनों से दुबे के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। ये लोग लगातार दुबे के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। शिक्षकों और छात्रों ने अजय कुमार दुबे के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और वो उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे। इसके बाद दुबे को आखिरकार इस्तीफा देना पड़ा।

यूनिवर्सिटी ने सोमवार (29 अगस्त, 2022) को एक आधिकारिक परिपत्र के जरिए बताया कि प्रोफेसर अजय कुमार दुबे ने विश्वविद्यालय के रेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसे सक्षम प्राधिकार ने तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है।

एबीवीपी के राज्य मीडिया समन्वयक अंबुज ने कहा कि रेक्टर ने फेलोशिप की मांग कर रहे छात्रों पर घातक हमलों की योजना बनाई थी, सहकर्मियों को परेशान किया और वह अवैध तरीके से गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) चला रहे थे।

पिछले कुछ हफ्तों में दुबे पर कई आरोप लगाए गए हैं। 22 अगस्त को लंबे समय से लंबित छात्रवृत्ति जारी करने की मांग को लेकर एबीवीपी के छात्र विश्वविद्यालय के छात्रवृत्ति अनुभाग में एकत्र हुए, जहां उनकी सुरक्षा कर्मचारियों के साथ भिडंत हो गई। इसके बाद से लगातार छात्र रेक्टर के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। छात्रों का दावा था कि उन पर यह हमला डॉ अजय दुबे के इशारे पर किया गया था।

इससे लगभग एक महीने पहले, अव्वैयार संवाद फोरम के नाम से शिक्षकों के एक वर्ग ने आरोप लगाया था कि दुबे अपने विश्वविद्यालय के पते से अवैध रूप से दो एनजीओ चला रहे थे। हालांकि, इस पर दुबे का कहना है कि वह दोनों गैर सरकारी संगठनों में एक वरिष्ठ पदाधिकारी थे और यूनिवर्सिटी का पता पत्राचार के लिए दिया गया था।

फोरम की एक गर्भवती सदस्या गायत्री दीक्षित का यह भी आरोप है कि दुबे ने छुट्टी लेने पर उन्हें धमकी दी थी। विवि प्रशासन के मुताबिक, मामले की जांच की जा रही है। वहीं,दीक्षित पर प्रशासन का आरोप है कि वह अपनी क्लासेस नियमित रूप से नहीं ले रही थीं।