जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुछ छात्रों ने एक एंबुलेंस को कथित तौर पर रोका और डॉक्टरों को बीमार डीन तक पहुंचने नहीं दिया। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। यह घटना सोमवार (28 अक्टूबर) को हुई। हालांकि, जेएनयूएसयू ने प्रदर्शन के दौरान किसी भी तरह की हिंसा होने से इनकार किया।

छात्रों पर बैठक में जबरन घुसने का आरोपः विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने बताया कि सुबह के वक्त इंटर हॉस्टल एडमिनिस्ट्रेशन (आईएचए) की बैठक जेएनयू के कन्वेंशन सेंटर में हो रही थी। उस दौरान कुछ छात्र जबरन वहां आ गए। ये छात्र आईएचए के सदस्य भी नहीं हैं। उन्होंने बताया, ‘समिति के सदस्यों ने छात्रों से बाहर चले जाने और बैठक को जारी रखने देने की अपील की, लेकिन छात्र आक्रामक हो गए और नारेबाजी करने लगे। इसके बाद वे डीन ऑफ स्टूडेंट्स (डीओएस) की ओर बढ़ गए।’

छात्रों पर एंबुलेंस नहीं पहुंचने देने का आरोपः बता दें कि इस माहौल में डीओएस उमेश कदम का ब्लड प्रेशर काफी बढ़ गया और उनकी तबीयत बिगड़ गई। उस दौरान छात्रों ने एंबुलेंस को अस्पताल नहीं जाने दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि छात्रों ने विश्वविद्यालय के डॉक्टरों को भी उमेश कदम तक पहुंचने से रोका।

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वाइस चांसलर ने कहा- छात्रों पर होगी कड़ी कार्रवाईः इस घटना की निंदा करते हुए जेएनयू के वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि जेएनयू प्रशासन इन छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का विचार कर रहा है। आज जो हुआ, वह बर्दाश्त के काबिल नहीं है। यह खतरनाक और शर्मनाक है। छात्र संघ के उपाध्यक्ष साकेत मून का आरोप है कि वाइस चांसलर और उनके समर्थक विरोध प्रदर्शन को ‘नकारात्मक रूप’ में दिखाने का प्रयास कर रहे हैं।

छात्र संघ के उपाध्यक्ष ने आरोपों को नकाराः साकेत मून ने कहा, ‘वाइस चांसलर ने उस संहिता को नष्ट करने का प्रयास किया, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को यहां आने और पढ़ने का अधिकार देता है। आईएचए की बैठक शुल्क बढ़ाने, छात्रों को हॉस्टल से बाहर करने के लिए आयोजित हुई थी। यह बैठक जेएनयूएसयू को बिना बुलाए आयोजित की गई थी। हम लोग नहीं बुलाए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन इस विरोध को नकारात्मक रूप में दिखाया जा रहा है।’

छात्र संघ ने बुलाई हड़तालः मून ने कहा, ‘हम हिंसा में शामिल नहीं हैं, लेकिन जेएनयू को बंद करने या उसका निजीकरण करने के प्रशासन के प्रयासों का विरोध करना जारी रखेंगे।’ बता दें कि छात्र संघ ने मंगलवार (29 अक्टूबर) को प्रशासन के खिलाफ हड़ताल करने का आह्वान किया है।