केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रामशंकर कठेरिया का कहना है कि अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान नहीं हैं। इनमें अल्पसंख्यकों को विशेष सुविधाएं देकर दलितों, पिछड़ों और अन्य जातियों के छात्र-छात्राओं का हक मारा जा रहा है।
भाजपा के एक कार्यक्रम में भाग लेने यहां आए कठेरिया ने कहा कि अलीगढ़Þ मुसलिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान नहीं हैं तो फिर इन्हें अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा क्यों मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह मामला अदालत में विचाराधीन है। सरकार इस बारे में मजबूती से अदालत में अपना पक्ष रखेगी। उन्होंने कहा कि खुद को दलितों और पिछड़ों का नेता कहने वाली बसपा प्रमुख मायावती को इस मामले पर भाजपा का साथ देना चाहिए क्योंकि इन दोनों संस्थानों में दलितों और पिछड़ों का हक मारा जा रहा है।
राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में दलित मतदाताओं पर मायावती का प्रभाव होने से कतई इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि दलित मतदाता बसपा की जागीर नहीं है। बसपा ने बहुत दिन दलितों-पिछड़ों को बहकाया, डराया और उनका वोट लिया लेकिन अब वह जाग गया है और जान गया है कि केवल भाजपा ही केंद्र और उत्तर प्रदेश में उसका भला कर सकती है। उन्होंने दावा किया कि 2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा की ही सरकार बनेगी।
उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाते हुए कठेरिया ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता सपा और बसपा दोनों को बारी-बारी से देख चुकी है। अब वह सुशासन के लिए प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाएगी।