Bihar News: केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रमुख जीतन राम मांझी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वह दावा कर रहे हैं कि गया के एक अधिकारी को किए गए फोन कॉल से उनकी पार्टी के एक उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित हुई, जो 2020 के विधानसभा चुनावों में लगभग 2700 वोटों से पीछे चल रहे थे। इस वीडियो ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है।

वीडियो में मांझी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वही उम्मीदवार 2025 के विधानसभा चुनावों में इसलिए हार गए क्योंकि उन्होंने इस बार उनसे इसी तरह की मदद के लिए फोन नहीं किया। हालांकि, मांझी ने दावा किया कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई थी और इसे उनकी छवि को धूमिल करने और मांझी ब्रांड को नष्ट करने की कोशिश में प्रसारित किया जा रहा था।

आखिर वीडियो में मांझी ने क्या कहा?

यह वीडियो 14 दिसंबर को 2025 के विधानसभा चुनावों में HAM (S) की जीत के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक समारोह का बताया जा रहा है। इसमें मांझी को यह कहते हुए दिखाया गया है, “वह (टिकारी HAM (S) उम्मीदवार अनिल कुमार) 2020 के चुनावों में 2600 वोटों से पीछे चल रहे थे, लेकिन मैंने यह सुनिश्चित किया कि वे चुनाव जीतें। इस बार, वे केवल 1600 वोटों से पीछे थे, लेकिन उन्होंने ऐसी कोई विनती नहीं की।” मांझी ने त्रिपुरा में तैनात एक आईएएस अधिकारी का भी नाम लिया, जिन्होंने उनके टिकारी उम्मीदवार को 2020 के चुनावों में 2630 वोटों से जीत दिलाने में मदद की थी। इस बार, अनिल कुमार 2,058 वोटों से हार गए।

विपक्षी दलों को मिला नया हथियार

इस वीडियो ने विपक्ष को एक नया हथियार दे दिया है। बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मांझी का खुलेआम स्वीकार करना दिखाता है कि चुनाव परिणामों में किस तरह से खुलेआम हेरफेर और प्रभाव डाला जा रहा है। यह दर्शाता है कि मौजूदा सत्ता प्रतिष्ठान द्वारा नौकरशाही का किस तरह दुरुपयोग किया जा रहा है।” उन्होंने आगे कहा कि पार्टी इस मुद्दे को चुनाव आयोग के समक्ष उठाने की योजना बना रही है।

आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध कुमार मेहता ने मामले की हाई लेवल जांच की मांग की। उन्होंने कहा, “केंद्रीय कैबिनेट मंत्री का यह बयान बेहद गंभीर है। उन्होंने एक आईएएस अधिकारी का नाम भी लिया है। हम इसकी हाई लेवल जांच चाहते हैं। आईएएस अधिकारी के आचरण की भी जांच होनी चाहिए। हमें आशंका है कि 2025 के विधानसभा चुनावों के दौरान भी ऐसी घटनाएं हो सकती हैं।”

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एनडीए ने अपने सहयोगी का बचाव करने की कोशिश की

सत्ताधारी एनडीए ने अपने सहयोगी हम (एस) का बचाव करने की कोशिश की। बिहार के उद्योग मंत्री और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा, “मैंने मांझी का गया का बिना काटा-छांटा वीडियो देखा था। वह केवल 2020 के चुनावों के दौरान मतगणना की धीमी प्रक्रिया का जिक्र कर रहे थे और बता रहे थे कि कैसे उनके उम्मीदवार अंतिम दौर तक पिछड़ते रहे और अंततः जीत गए।”

कुछ लोगों ने मेरे वीडियो के साथ छेड़छाड़ की- मांझी

मांझी ने वीडियो की सामग्री को भी खारिज करते हुए कहा, “कुछ लोगों ने मेरे एक वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके उसे वायरल कर दिया है और उन्हें लगता है कि वे मुसहर के बेटे को बदनाम कर देंगे। मैं ऐसे लोगों से कहना चाहता हूं कि अब कोई भी मुसहर के बेटे को अपमानित या मूर्ख नहीं बना सकता। आसमान की ओर थूकने वाले यह भूल रहे हैं कि थूक उन्हीं पर वापस गिरेगा। अब मांझी एक ब्रांड हैं, उन्हें किसी से डर नहीं लगता।”

सिर्फ सवाल उठाने से काम नहीं चलेगा- जेडीयू

इस बीच, जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि इस सवाल का जवाब हम (एस) के प्रदेश अध्यक्ष को देना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष चुनाव तंत्र के कथित दुरुपयोग के बारे में “मनमानी भरे बयान नहीं दे सकता।” उन्होंने कहा, “इसमें कौन-कौन सी पार्टियां शामिल हैं? संबंधित डीएम फिलहाल त्रिपुरा में हैं। हम (एस) के प्रदेश अध्यक्ष को इस मामले को उठाना चाहिए। लेकिन क्या विपक्ष और चुनाव आयोग ने इस पर ध्यान दिया है? सिर्फ सवाल उठाने से काम नहीं चलेगा।”

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